Deep jale ujiyara ho-हरिश्चंद्र त्रिपाठी

दीप जले उजियारा हो ।  (Deep jale ujiyara ho) हर चौखट पर दीप जले उजियारा हो, साथ  बढ़ें सब, सबमें  भाईचारा  हो। गहन तमस की निद्रा तोड़ो जागो तुम, जीवन … Read More

Kavita on migrant labour-परम हंस मौर्य

 Kavita on migrant labour परम हंस मौर्य     मजदूरो की मजबूरी पांवो मे पड़ गये छाले है खाने को नहीं निवाले हैं। ये सब देख कर भी तू कहता … Read More

Gaanv ki khushboo-गांव की खुशबू / डॉ. सम्पूर्णानंद मिश्र

 Gaanv ki khushboo गांव की खुशबू शहर की भीड़-भाड़ कोलाहल से दूर एक सड़क जाती है मेरे गांव को एक अलग सी महक नासिका में घुल जाती है और मानवता … Read More

Kavita against honour killing-आरती जायसवाल

 Kavita against honour killing  ऑनर किलिंग के विरुद्ध हाँ मैं विरुद्ध हूँ ऑनर किलिंग बनाम हिंसक होते समाज के क्योंकि ‘ऑनर के विरुद्ध’ बड़ी ही निर्ममता से घोंटा गया अपनों … Read More

Cheekh hindi kavita-डॉ. सम्पूर्णानंद मिश्र

 Cheekh hindi kavita चीख महाभारत में एक द्रौपदी रो रही थी       जब वह अपनी अस्मिता खो रही थी  पांडव जगकर भी सो रहे थे ‌ लाचार इतने … Read More