Deep jale ujiyara ho-हरिश्चंद्र त्रिपाठी
दीप जले उजियारा हो । (Deep jale ujiyara ho) हर चौखट पर दीप जले उजियारा हो, साथ बढ़ें सब, सबमें भाईचारा हो। गहन तमस की निद्रा तोड़ो जागो तुम, जीवन … Read More
दीप जले उजियारा हो । (Deep jale ujiyara ho) हर चौखट पर दीप जले उजियारा हो, साथ बढ़ें सब, सबमें भाईचारा हो। गहन तमस की निद्रा तोड़ो जागो तुम, जीवन … Read More
Kavita on migrant labour परम हंस मौर्य मजदूरो की मजबूरी पांवो मे पड़ गये छाले है खाने को नहीं निवाले हैं। ये सब देख कर भी तू कहता … Read More
Gaanv ki khushboo गांव की खुशबू शहर की भीड़-भाड़ कोलाहल से दूर एक सड़क जाती है मेरे गांव को एक अलग सी महक नासिका में घुल जाती है और मानवता … Read More
Kavita against honour killing ऑनर किलिंग के विरुद्ध हाँ मैं विरुद्ध हूँ ऑनर किलिंग बनाम हिंसक होते समाज के क्योंकि ‘ऑनर के विरुद्ध’ बड़ी ही निर्ममता से घोंटा गया अपनों … Read More
Cheekh hindi kavita चीख महाभारत में एक द्रौपदी रो रही थी जब वह अपनी अस्मिता खो रही थी पांडव जगकर भी सो रहे थे लाचार इतने … Read More