Hindi poem on childhood-बचपन/सीताराम चौहान पथिक
Hindi poem on childhood: हिंदी साहित्य के वरिष्ठ साहित्यकार सीताराम चौहान पथिक की रचना बचपन पाठको के सामने प्रस्तुत हैं बचपन बच्चों में मैं बच्चा बन कर , बचपन को … Read More
Hindi poem on childhood: हिंदी साहित्य के वरिष्ठ साहित्यकार सीताराम चौहान पथिक की रचना बचपन पाठको के सामने प्रस्तुत हैं बचपन बच्चों में मैं बच्चा बन कर , बचपन को … Read More
Bachpan par hindi kavita कोई लौटा दे मेरा बचपन हर तरफ फैला बस खुशियों का तराना था सबसे प्यारा वह बचपन का जमाना था । मां की गोद थी, … Read More
Nafrat ki aag नफ़रत की आग नफ़रत की आग लिए क्यों बैठे हो आपदा में भी इतने क्यों ऐंठे हो सीने में खंज़र भोंकने की ख्वाहिशें अब भी पाले … Read More
karm aur karmaphal कर्म और कर्मफल एक दिन सुबह सवेरे ही कर्म और भाग्य के सम्बंध पर विचार कर रही थी और आज ही फल सामने आ गया। उन दिनों … Read More
Awadhi kavya वह तौ सब आजु सपन होइगा रिसियाउरि दाली का दुलहा अब कहूँ पनेथी बनत नहीं। दलभरिया पूरी बनत नहीं दलभरी कचउरी बनत नहीं। अब … Read More
thithur gaya sooraj ठिठुर गया सूरज ठिठुर गया शीतलहर से सूरज भी तल्ख हो गया मौसम का रुख़ और भी ठंडी हवाओं के बीच कोहरे की चादर … Read More
“शिल्पी चड्ढा स्मृति सम्मान”-Four writers received “Shilpi Chadha Smriti Samman” चार साहित्यकारों को मिला “शिल्पी चड्ढा स्मृति सम्मान” पिछले चार वर्षों से दिए जा रहे शिल्पी चड्ढा स्मृति सम्मान के … Read More
Baba kalpnesh ke maa ke geet 1.गीत लिखना चाहता हूँ हरिगीतिका के छंद में मैं, गीत लिखना चाहता हूँ। हर मानवों का प्यार पा मैं, मीत … Read More
Prem path hindi poem for love प्रेम पथ बहुत दूर जाके भी मुड के न देखा, मैं उनके ही सपने सजाती रही हूँ, उन्होंने तो जी भर के की बेवफाई, … Read More
Visthaapan ek traasadee विस्थापन एक त्रासदी ———————————– *चीखें, चिल्लाहटें करुण क्रंदन जैसे जायज़ शब्दों से निकले स्वर भी इक्कीसवीं सदी की सड़क पर प्रजनन स्त्रियों की … Read More
Poem on corona इस कोरोना काल में दर्द हमारा सूना निकला, इस कोरोना काल में। रिश्ते नाते दूर हो गए,इस कोरोना काल में। तिमारदार अब दूर ,हो गए इस … Read More
समारोह की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध वरिष्ठ गीतकार डॉ. रसिक किशोर सिंह नीरज रायबरेली करेंगे विराट कवि सम्मेलन का आयोजन दिनांक 21.12. 2020 दिन सोमवार को जनपद भदोही उत्तर प्रदेश में हिंदी … Read More
poem on Environmental awareness पर्यावरण –चेतना । गंगा पुकारती रही , यमुना कराहती रही । दूषित ना तुम करो हमें , मैया पुकारती रही । हम कैसे … Read More
कविता पर एक कविता कविता जब से तुम मेरे जीवन में आई हो मुझे बहुत भाई हो पूरी तरह से मेरे ऊपर छाई हो तुम्हारे रंग- रूप पर मैं मोहित हूं काव्य-उदधि पार कराने हेतु तुम हमारे लिए बोहित हो तुम्हारे काव्य लावण्य के लिए बहुत बेचैन रहता हूं न रात में सो पाता हूं न दिन में कोई काम कर पाता हूं क्या सचमुच में तुम्हारा मुझसे लगाव है या यूं ही मेरा तुम्हारे ऊपर झुकाव है बात चाहे जो हो कविता तुम चाहे जो हो तुमसे मेरी पत्नी नाराज़ हैं जबकि हमारे तुम्हारे रिश्ते में ना राज है ना साज है ! तुम मेरी आत्मा में बसती हो खिलकर हंसती हो मुझे ही रचती हो … Read More
biography of Krishnavatar Tripathi ‘Rahi कवि डॉ. कृष्णावतार त्रिपाठी ‘राही’ का व्यक्तित्व परिचय जन्म : 3 जुलाई 1949 पिता: स्वर्गीय प्रभु नाथ त्रिपाठी माता: स्वर्गीय महादेवी त्रिपाठी शिक्षा : एमoएo (हिंदी) एल-एलoबीo( इलाहाबाद विश्वविद्यालय) साहित्य रत्न, आयुर्वेदरत्न ,साहित्यवाचस्पति (मानद) सम्प्रति— गीतकार/व्यंग्यकार/ अधिवक्ता, व्यवहार एवं दण्ड न्यायालय, ज्ञानपुर, सं०र०न० भदोही भाषा : हिंदी विधाएँ : गीत,छन्द, मुक्तक, गज़ल। … Read More