लगन के आगे मंजिल क्या ? | अनुज उपाध्याय

लगन के आगे मंजिल क्या ? लगन के आगे मंजिल क्या,किरण के आगे बादल क्या,दृष्ट के आगे दर्पण क्या,सृष्टि से बढ़के अर्पण क्या,जीवन से बढ़कर झूठा क्या है,मौत से बढ़कर … Read More

मज्जन फल पेखहिं तत्काला | सम्पूर्णानंद मिश्र

मज्जन फल पेखहिं तत्काला निःसंदेह शरीर भीगता हैमज्जित होने से लेकिनआत्मा नहीं आत्मा तो भीग सकती हैसिर्फ और सिर्फविचारों की पवित्रता के जल से नकारात्मकता की चादर की कुज्झटिकाओं सेजब … Read More

संस्पर्श | सम्पूर्णानंद मिश्र

लालच विहीन आँखेंदेखना चाहती हैंछूना चाहती हैंऔर चाहती हैं कुछ वक्तअपनी संतति से लेकिन भौतिकता कीअंधी दौड़ मेंआज की पीढ़ीसस्ते दामों मेंअपना वक्तबेचकरजब घर आती है तो वह फूली नहीं … Read More

परंपराओं को दर्शाती पुस्तक ‘देहरी’ का लखनऊ के प्रेस क्लब में हुआ भव्य विमोचन

लखनऊ : रायबरेली की सुप्रसिद्ध कवयित्री पुष्पा श्रीवास्तव ‘शैली’ की पुस्तक ‘देहरी’ का भव्य विमोचन लखनऊ की विश्व प्रसिद्ध साहित्यकार ‘अमिता दुबे’, अलका प्रमोद तथा सुप्रसिद्ध साहित्यकार संतलाल एवं सुप्रसिद्ध … Read More