Corona Par Gazal- ग़ज़ल कोरोना पर
Corona Par Gazal- ग़ज़ल कोरोना पर क्रूरकाल है साथियों हर तरफ़ फैला कोरोना, क्रूरकाल है साथियों, सबको पड़ गया है रोना, क्रूरकाल है साथियों। सही सलामत आदमी भी, छोड़ दुनिया … Read More
Corona Par Gazal- ग़ज़ल कोरोना पर क्रूरकाल है साथियों हर तरफ़ फैला कोरोना, क्रूरकाल है साथियों, सबको पड़ गया है रोना, क्रूरकाल है साथियों। सही सलामत आदमी भी, छोड़ दुनिया … Read More
सम्पूर्णानंद मिश्र का शब्द-समर/ श्रीधर मिश्र सम्पूर्णानंद मिश्र का शब्द-समर संपूर्णानंद मिश्र की कविताएँ पढ़ने से यह महसूस होता है कि वे सोद्देश्य रचनाकार हैं,उनकी कविताएं हमारे समय मे सीधे … Read More
Corona ek aaeena : कोरोना एक आईना / सीताराम चौहान पथिक की रचना समाज को सन्देश देना चाहती है कि कोरोना जैसी महामारी के दौरान दलालों ने खूब लूटा आम … Read More
Sab Achchha ho jaega: जब हर जगह निराशा है, साल आधा भी नही बिता एक और कोरोना जैसी महामारी , दूसरी और चक्रवात उस स्थिति में लेखिका ने सकारात्मक सोच … Read More
रामायणी दोहे धोबी के सुन कटु वचन , आहत थे श्री राम । प्राण- प्रिया सीता तजी , जन – हितकारी राम ।। सिया पतिव्रता थी जदपि , अग्नि देव … Read More
हमारे पुरखे हाड़ मांस से ही बने हुए थे हमारे पुरखे हमीं लोगों की तरह भिन्न नहीं थे हवाई यात्रा तक नहीं की थी अधिकांश ने इनमें से कई तो … Read More
कहाँ हो तुम हर पल मेरी आँख ढूंढ़ती रही । जाने कहाँ वो प्यार की मूरत गयी । दूसरों को देख कर सिसकता ही रहा । अपने ग़म सीने में … Read More
गांव की मिट्टी पर कविता | गांव की यादें | नारायण दोगाया लेखक का परिचय नाम – नारायण दोगाया जन्मस्थान – मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के राहड़कोट गांव जन्मतिथि … Read More
Poem On Nature | short poem on nature in hindi प्रकॄति- पर्यावरण असंतुलन चक्रवात बादल का फटना , हताश प्रकॄति का उल्कापात। प्रकॄति पर्यावरण दूषित हुए , कोरोनावायरस का प्रतिघात। … Read More
Latest Poetry in Hindi | Motivational poetry | Emotional Poems फिर बहार आयेगी फिर बहार आयेगी तम की रजनी छंट जायेगी आज मौत सहन में खड़ी है ज़िंदगी से दो- … Read More
सरसी छंद | आओ ऐसी बात करें हम | हिन्दी कविता आओ ऐसी बात करें हम मापनी-सरसी छंद। 16,11 आओ ऐसी बात करें हम,सुने न कोई कान। पर दर्शन में … Read More
उसकी लाठी से नहीं बचोगे | गीत | पवन शर्मा परमार्थी उसकी लाठी से नहीं बचोगे। उसकी लाठी से नहीं बचोगे। तुम साज़िश कोई अगर रचोगे।। (१) झूठ का जाल … Read More
Modi Jasoda Ben | मोदी जसोदा बेन / सीताराम चौहान पथिक मोदी जसोदा बेन नारी की है साधना, नारी का है त्याग । रोम-रोम मन्नत करें, फूले –फले सुहाग ।। … Read More
Poem in the time of coronavirus इंसान – इंसान के काम ना आ रहा, इंसान- इंसान के काम ना आ रहा, यह कैसा घनघोर अंधेरा छा रहा, त्राहिमाम मची हैं … Read More
सत्ता से सड़क का हिंदी में / सम्पूर्णानंद मिश्र : कविता अपने समय और परिवेश की अभिव्यक्ति होती है। जिन्हें एक संवेदनशील मनुष्य शब्दों के माध्यम से आकार प्रदान करता … Read More