Best hindi poem Boond/प्रेमलता शर्मा
Best hindi poem Boond– आज की कविता बूँद के महत्व को दर्शाती है जिसे लेखिका ने अपनी कविता में बखूबी ढाला है। बूँद जब बादलो में रहती है तो उसका कोई महत्व नहीं होता है लेकिन जब वह बादलों से निकल कर धरती पर आती है तो उसके कई रूप देखने को मिलते है इन्ही भावों के साथ यह कविता पाठको के समक्ष प्रस्तुत है।
बूंद
अनगिनत बूंदे जब बादलों से निकलकर
चारों और बिखर गई
कुछ सीप में गिरकर मोतियों में ढल गई
कुछ भुजंग के मुख में गिरकर हलाहल बन गई
कुछ सागर की गोद में समा कर
अपना अस्तित्व खो गई
कुछ चकोर के तन पर गिरकर
उसको तृप्त कर गई
कुछ खेत खलिहान में गिरकर
फसलों को लहलहा गई
कुछ धरा पर बिखर कर
धूल में विलीन हो गई
इस तरह अपने अपने भाग्य की
यह कहानी कह गई
आपको प्रेमलता शर्मा की रचना Best hindi poem Boond/ बूँद हिंदी कविता कैसी लगी अपने सुझाव कमेंट बॉक्स में अवश्य बतायें , पसंद आये तो समाजिक मंचो पर शेयर करे इससे रचनाकार का उत्साह बढ़ता है।हिंदीरचनाकर पर अपनी रचना भेजने के लिए व्हाट्सएप्प नंबर 91 94540 02444, 9621313609 संपर्क कर कर सकते है। ईमेल के द्वारा रचना भेजने के लिए help@hindirachnakar.in सम्पर्क कर सकते है|
अन्य रचना पढ़े :