Prerna Geet प्रेरणा गीत- Best Prerna Geet lyrics
Prerna Geet प्रेरणा गीत- Best Prerna Geet lyrics
प्रेरणा गीत
बचो सदा बचा करो,कुमार्ग से बचे रहो।
असंविधान त्याग के,सुसंविधान को गहो।।
प्रसुप्त हो कभी नहीं,जगे रहो जगे सदा।
धरो नहीं कुसंग संग,मार दो इन्हें गदा।।
नहीं कभी नहीं कहो,सुनीति एक “हाँ” कहो।
बचो सदा बचा करो,कुमार्ग से बचे रहो।।
हजार हाथ नीच को,सुदाब दो रदा-रदा।
स्वरूप से समाज को,सुधार दो यदा-कदा।।
बनो सदा सुनेक ही,भले हजार कष्ट हो।
बचो सदा बचा करो,कुमार्ग से बचे रहो।।
यही रही परंपरा,सदा-सदा निबाह दो।
बहे नदी बहा करे,सुधार दे प्रवाह दो।।
स्वदेश के लिए जिओ,हजार कष्ट को सहो।
बचो सदा बचा करो,कुमार्ग से बचे रहो।।
समाज एक राष्ट्र हो,सुलोल एक चाह दो।
स्वराष्ट्र का विकास हो,सुनेक एक राह दो।।
विभेदवाद भेद के,
अभिन्नवाद में ठहो।
बचो सदा बचा करो,कुमार्ग से बचे रहो।।
त्रिशूल शंभु साथ हो,सुबोध भारती रहे।
सुमग्नता हिए-हिए,प्रदीप्त आरती रहे।।
विकास मार्ग में कभी,विभिन्न खिन्नता न हो।
बचो सदा बचा करो,कुमार्ग से बचे रहो।।
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