रक्तचाप | सम्पूर्णानंद मिश्र

रक्तचाप | सम्पूर्णानंद मिश्र

भूख
का बढ़ता रक्तचाप
सिर्फ़
शरीर के अवयव को ही
नहीं नुकसान पहुंचाता है
बल्कि क्षतिग्रस्त करता है
आत्मा को भी
हालांकि
मुहर लगाई है
शास्त्र ने
आत्मा की अमरता पर
लेकिन
भूख की तीव्र लपट
चमचमाती
महंगी गाड़ियों तक नहीं पहुंचती
क्योंकि
वहां कुत्ता सिर्फ़ और सिर्फ़
पावरोटी और बिस्कुट सूंघता है
और
कार- सम्राज्ञी की गोद की सीढ़ियों पर चढ़कर उनके
मुंह को निर्विघ्न चूमने की दैनिक क्रिया करता है
तो निश्चित रूप से
नहीं बढ़ सकता वहां
भूख का रक्तचाप
यह तो बढ़ता है
हाइवे के किनारे सुनसान
किसी ढाबे पर
जहां
मांजते हुए जूठे थाली
के दर्पण में
भूख से छटपटाते
अपने परिजन
के चेहरे को
बूढ़े और बच्चे निरंतर देखते हैं
और मालिक की भद्दी गालियों
को एक नहीं सौ- सौ बार सुनते हैं
तब
आश्वश्ति से कह सकता हूं
कि भूख का रक्तचाप
शरीर को ही नहीं
आत्मा को भी
क्षतिग्रस्त कर देता है

सम्पूर्णानंद मिश्र
शिवपुर वाराणसी
7458994874

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *