Ruchi Savaiya – रुचि सवैया / बाबा कल्पनेश
Ruchi Savaiya – रुचि सवैया / बाबा कल्पनेश रुचि सवैया विधान-212×7+2 कौन सी है दिशा जान पाया नहीं अज्ञता में फँसा घूमता हूँ। मोह की है सुरा आज देखो पिया … Read More
Ruchi Savaiya – रुचि सवैया / बाबा कल्पनेश रुचि सवैया विधान-212×7+2 कौन सी है दिशा जान पाया नहीं अज्ञता में फँसा घूमता हूँ। मोह की है सुरा आज देखो पिया … Read More
हिन्दी दिवस पर कविता | Poems on Hindi Diwas in Hindi १४ सितम्बर १९४९ जब भारत सरकार ने निर्णय लिया हिन्दी दिवस मनाने का भारत देश में , इस दिन … Read More
Daakiya – डाकिया / उदय राज वर्मा उदय डाकिया डाकिया आता खुशखबरी लाता कभी कभी रुपए की थैली पकड़ाता मन गदगद हो जाता बुरी परिस्थितियों में दुखद खबर भी सुनाकर … Read More
सिकंदर महान और राख / सीताराम चौहान पथिक संगीत – रूपक सिकंदर महान और राख । एक सुनसान जगह पर उड़ती हुई राख की ढेरी, जिसके निकट से कवि गुजरता … Read More
तुलसीदास / बाबा कल्पनेश तुलसीदास विधा-मात्रिक सवैया(वीर छंद)16,15 राम चरित मानस की रचना,रच के तुलसीदास महान। अमर हो गये इस धरती पर,मानवता का कर कल्यान।। शिशुता बीती बहुत कठिन पर,जिस … Read More
पोषक रक्षाबंधन है /हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’ पोषक रक्षाबंधन है भाई-बहन के अमर प्रेम का, पोषक रक्षाबंधन है , धन्य देश की पावन माटी, कण-कण जिसका चन्दन है।। रेशम के दो … Read More
सदा सदा अभिनंदन है | रक्षाबंधन – प्रतिभा इन्दु सदा सदा अभिनंदन है ……………………… आज आरती थाल बहन ने भरकर प्यार सजाया है , मुदित और हर्षित है तन-मन राखी … Read More
Admi Aur Kutta – आदमी और कुत्ता / सम्पूर्णानन्द मिश्र आदमी और कुत्ता कल झुंड में कई कुत्ते दिखे मुझे सड़क पर भौंक रहे थे सब आपस में एक दूसरे … Read More
रश्मि लहर हिन्दी कविता – Hindi Poetry Collection of Rashmi lehar हाँ महिलाएं भी.. बहुत कुछ समझती हैं हाँ महिलाएं भी.. बहुत कुछ समझती हैं.. तुम्हारे शब्दों के चयन का … Read More
Meri Jarurat Lagi | मेरी जरुरत लगी/ परम हंस मौर्य मेरी जरुरत लगी मेरी खोज तो तब हुई जब मेरी जरुरत लगी वरना मै तो बेकार था। अंदर से थी … Read More
स्वतंत्रता दिवस 2021 पर कविता | Poem on Independence day in hindi मनाने जा रहे हैं जब पचहत्तरवां स्वतंत्रता दिवस कल हम लोग तब दिमाग की नदी में कई सवाल … Read More
आओ जी करके देखें वतन के लिए जी लिए हम बहुत अपने -अपने लिए। आओ जी करके देखें वतन के लिए।। ये गुलाबों की सुर्ख़ी लहू उनका है। जान … Read More
Kraanti- Geet | क्रांति- गीत / सीताराम चौहान पथिक क्रांति- गीत मम हॄदय नवल ज्वाला सुलगा , जो सुलग रही प्रचण्ड कर । है शिथिल हॄदय मनु का अभी बुझती … Read More
महाभुजंगप्रयात विधान-24 वर्ण,8 यगण,12,12 वर्णों पर यति मापनी-122×8 हिलाया-डुलाया कहाँ डोलता है, लगे ज्यों मरा हो कहाँ बोलता है। बुरा आप मानें भला आप मानें, नहीं ये कभी भी सही … Read More
पाने की आशा विरह की वेदना तारों से, चन्दा तक चली आई। न मैं समझा न वो समझे, बहारों तक चली आयी।। पपीहे ने कहा मुझसे, किधर … Read More