Achhe Din Kab Aayenge – अच्छे दिन कब आएंगे
Achhe Din Kab Aayenge – अच्छे दिन कब आएंगे प्रस्तुत रचना वरिष्ठ साहित्यकार सीताराम चौहान पथिक द्वारा रचित वर्तमान परिपेक्ष्य को लेकर है , कोरोना महामारी की दूसरी लहर के … Read More
Achhe Din Kab Aayenge – अच्छे दिन कब आएंगे प्रस्तुत रचना वरिष्ठ साहित्यकार सीताराम चौहान पथिक द्वारा रचित वर्तमान परिपेक्ष्य को लेकर है , कोरोना महामारी की दूसरी लहर के … Read More
Pyar ka Dard – प्यार का दर्द – विमल अवस्थी प्रस्तुत है एक कविता – प्यार का दर्द ( जो बया करती है कैसे छिन जाता है सुख और चैन … Read More
वे दिन बचपन के | Mera Bachpan Par Kavita वे दिन बचपन के ,डॉ. संपूर्णानंद मिश्र द्वारा रचित बचपन के दिनों में घटित आनंददायक घटनाओं का सुंदर चित्रण करती हुई … Read More
रानी का बलिदान । laxmi bai death anniversary kavita लक्ष्मी बाई का निधन १८ जून १८५८ को हुआ। लक्ष्मी बाई की पुण्यतिथि पर साहित्यकार सीताराम चौहान पथिक द्वारा रचित कविता … Read More
अपने जीवन से निरर्थकता कम कर लें? वरिष्ठ साहित्यकार सविता चड्ढा की स्वरचित रचना का सन्देश यह है कि जीवन में संयम का पालन करना चाहिए यह सभी संदेश गीता, … Read More
अहंकार पर कविता- अहं | Poem on Ahankar in hindi डॉ सम्पूर्णानंद मिश्र की हिंदी कविता अहं संदेश देती है कि अहंकार रोग है इसका इलाज जरुरी है मानव जीवन … Read More
टूटे हुए दिलो की आस मैं लिखता हूं – विमल अवस्थी टूटे हुए दिलो की आस मैं लिखता हूं मैं तो सौदागर हूं प्यार का खामोश लबों के अल्फाज मैं … Read More
भारतीय डाक दशक द्रुत गति का यह दौर है , द्रुत गति वाहन जाए । डाक हमारे देश की , घिसट- घिसट कर जाए ।। द्रुत – गति वाली डाक … Read More
लौटते वक़्त श्मशान से | lautate vaqt shmashaan se लौटते वक़्त श्मशान से लौट रहा था श्मशान से गांव के जग्गू दादा का शवदाह करके कुछ रुआंसा था क्योंकि जल … Read More
Tootee Veena – टूटी वीणा / सीताराम चौहान पथिक प्रस्तुत रचना टूटी वीणा / सीताराम चौहान पथिक द्वारा रचित दर्पण संग्रह से ली गयी है यह संग्रह १९७२ में प्रकाशित … Read More
Khaamosh- ख़ामोश/ सम्पूर्णानंद मिश्र नमस्कार आपका हिंदीरचनाकर में आपका स्वागत है आज हम बनारस के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. सम्पूर्णानंद मिश्र की स्वरचित रचना खामोश पढ़ेंगे। जो प्रकृति से संबंधित है इस … Read More
अरविंद जायसवाल की कविताएं | Poems of Arvind Jaiswal वफायें मेरी जब कभी दर्द अपने देते हैं, सारा सुख चैन छीन लेते हैं। भूख लगती न प्यास लगती है, दिल … Read More
Ghanaaksharee – घनाक्षरी / बाबा कल्पनेश घनाक्षरी तिमिर के रिपु अभी उदित हुए ही नहीं। यहाँ-वहाँ-कहाँ गया तम जो घना रहा।। आस-पास कूक कूक कोयल है कुहू करे। खोजिए तो … Read More
हल्दी घाटी संग्राम जून 1576 चेतक का रण- कौशल एवं स्वामी- भक्ति महाराणा प्रताप जयंती पर यह चेतक का प्रसंग सीताराम चौहान द्वारा स्वरचित खण्ड काव्य स्वाभिमानी महाराणा प्रताप से … Read More
zakhmee sach – ज़ख्मी सच / सीताराम चौहान पथिक प्रस्तुत कविता में लेखक के द्वारा व्यक्त किया गया है कि भारत की आजादी में कितने महापुरुषों ने अपने जीवन की आहुति … Read More