वेदिका श्रीवास्तव की रचनाएं / सम्मान
वेदिका श्रीवास्तव की रचनाएं | Vedika Srivastava compositions सम्मान मिलता नहीं आसानी से जग में ये सम्मान , लोग दिखावा कर कर के छा जाते भगवान !! दौलत ही सब … Read More
वेदिका श्रीवास्तव की रचनाएं | Vedika Srivastava compositions सम्मान मिलता नहीं आसानी से जग में ये सम्मान , लोग दिखावा कर कर के छा जाते भगवान !! दौलत ही सब … Read More
डॉ. सम्पूर्णानंद मिश्र की रचनायें वर्तमान परिस्थिति पर आधारित होती है , Hindi kavita khaul raha hai (खौल रहा है ) यह रचना भी उसी का उदाहरण है प्रस्तुत रचना … Read More
Motivational Kavita in hindi : प्रेमलता शर्मा की रचना चींटी हर मानव को सन्देश देती है, मिलजुल के रहने का , निरन्तर प्रयास , धैर्य का , आदि , इस … Read More
कामकाजी महिलाओं पर कविता /ज्योति गुप्ता कुछ एक सा होगा पैरों में छाले लिए तपती दोपहरी में मीलों नापना, और एक मजदूर होना, सुबह से दिन और दिन से रात … Read More
Gopi Hindi Geet- गोपी की पुकार / सीताराम चौहान पथिक गोपी की पुकार मेरे मन के वृंदावन में , छेड़ी है छलिया ने तान । रोम- रोम पुलकित हुआ है, … Read More
Poem on oxygen crisis – प्राणवायु पर कविता / हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’ प्राणवायु के लिए तड़पती , सहमीं दुनिया सारी है । भरत-भूमि पर अद्भुत संकट , यह अद्भुत महामारी … Read More
hindi kavita hataasha beech aasha : सीताराम चौहान पथिक की स्वरचित रचना हताशा बीच आशा’ कोरोना काल का सजीव चित्रण प्रस्तुत करती है। कविता का सन्देश हर व्यक्ति में … Read More
Hawa par kavita- हवा पर छोटी कविता हवा /वायु प्राण वायु की अहमियत अब पता चल रही है, कोरोना से हर गली जल रही है। बड़े-बड़े दरख्तों को, काट कर … Read More
Poem on Ram in Hindi छंद-चामर सीयराम नाम दें राम-राम राम-राम राम-राम राम हो। राम-राम राम-राम अंजनी लला कहो।। राम-राम राम-राम कल्पनेश बोल रे। राम-राम नाम का सुदिव्य घोल-घोल रे।। … Read More
प्रतिस्पर्धा | Hindi Tragedy Poem- नहीं है अमर १.नहीं है अमर बचपन और बुढ़ापा जन्म और मृत्यु वसंत और पतझड़ शाश्वत सत्य हैं नहीं है अमर यहां कोई तेज हो … Read More
मर्यादा पुरुषोत्तम राम का विरह मर्यादा पुरुषोत्तम राम का विरह । मैं राम , सिये तुम कहां ॽ कहीं से बोलो । पर्वत नदियो वॄक्षो में गुॅथी लताओं , झर-झर … Read More
Hindi Kavita Prabhu Ram छंद-तोटक प्रभु राम प्रभु राम हरो दुख द्वंद सभी। नहिं नाथ रहे दुखियान कभी।। निज भक्ति गुमान भरो हिय में। अनुरक्त न हो लख के तिय … Read More
Hindi kavita Harishchandra Tripathi ‘Harish सबको दे सद्बुद्धि मातु तू, सबको दे सद्बुद्धि मातु तू, तू सबका ऑचल भर दे । द्वेष-घृणा-कुविचार मिटाकर, जन-जन मन निर्मल कर दे । राष्ट्र-सुपथ … Read More
क़लम और तलवार । आप लिख – लिख कर , क़लम- घिस जाएंगे । ये जो है – चिकने घड़े , रंगत नयी दिखलाएंगे ।। आज भ्रष्टाचार- बेईमानियो, — … Read More
Poems of Baba Kalpnesh 1.कोरोना कोरोना का भय अति भारी। डरपे संत और नर-नारी।। पुण्य लाभ लेने सब आए। पर कोरोना से घबडाए।। सब पर बीस पड़ा कोरोना। डरे खालसा … Read More