barasate baadal हिंदी कविता -अरविंद जायसवाल

बरसते बादल (barasate baadal) ताल तलाई हर्षित होकर, नालों में परिवर्तित होकर, भाव विभोर प्रफुल्लित होकर, चले मिलन की आशा लेकर ।(१) मेघों ने दंदुभी बजाई, बिजली चमकी राह दिखाई, … Read More

hindi desh bhakti kavita/सच्ची स्वतंत्रता ॽ

(hindi desh bhakti kavita) सच्ची स्वतंत्रता ॽ भारत में भारतीय को , ढूंढ़ता          रहा       मैं । हो  कोई      देश – प्रेमी , … Read More

golden quotes in hindi/अनंग पाल सिंह ‘अनंग’

(golden quotes in hindi) अनंग पाल सिंह ‘अनंग’ के प्रेरक विचार  १.  आत्मतत्व के अति निकट,श्रद्धा का परिधान इसके   ऊपर   शुद्धता, वा   विश्वास   विधान वा   विश्वास विधान, आदमी है श्रद्धा  … Read More

ek rooh kee daastaan/सीताराम चौहान पथिक

(ek rooh kee daastaan) एक रूह की दास्तान ।। वो    आएंगे   कभी   तो मेरे  मजार  पे  इक   दिन गुब्बार         उड़ेगी    मेरी पैग़ाम सुना जाएगी जिस … Read More

pragraj kumbh mahima/बाबा कल्पनेश

pragraj kumbh mahima प्रयागराज महिमा आएँ संगम घाट,करें संतों के दर्शन। निज माथे को टेक,पुलिन का कर लें पर्शन।। माँ की कृपा अपार,मिले निश्चय यह जानें। उर में लेकर आप,चदरिया … Read More

new hindi kavita-विश्वास और दे दी पटरी/डॉ० सम्पूर्णानंद मिश्र

new hindi kavita-विश्वास और दे दी पटरी १.विश्वास   भयानक वक्त है यह क़त्ल सरेआम हो रहा है विश्वास का रिश्तों का चौकन्ना रहना होगा नहीं तो छले जाओगे नहीं … Read More

short poem on basant panchami in hindi

short poem on basant panchami in hindi: सीताराम  चौहान  पथिक  की  रचना वीणा वादिनि से  गुहार   पाठकों के  सामने  प्रस्तुत है आइये जानते क्यों  मनाया जाता  है  वसन्त पंचमी का  … Read More

कोहरे कि रातें/प्रदीप त्रिवेदी दीप

कोहरे कि रातें कोहरे कि रातें ठंडे बदन काँप रहे गातऔर काँप रहे मन शीत में ठिठुरती है कांपती जुबानें आज कटेंगी कैसे रात राम जाने। बिलख रहे पक्षी गण … Read More

अदृश्य हो गयी/डॉ० सम्पूर्णानंद मिश्र

 अदृश्य हो गयी अदृश्य हो गयी मेरी मां अब चली गई गोलोक साथ में अपना कुछ सामान लेकर कोई नहीं जाता अपने साथ लेकर यहां से कुछ ममता, झिड़कियां, क्रोध … Read More

raam- raajy/राम- राज्य-sitaram chauhan pathik

राम- राज्य स्थापित कर दो जन-जन की सुन लो व्यथा , जो मन ही मन नित मरते हैं । मन में उनके आक्रोश भरा , विष पीते और निगलते है … Read More

dene lagate hain ghaav/देने लगते हैं घाव-डॉ० सम्पूर्णानंद मिश्र

dene lagate hain ghaav : डॉ० सम्पूर्णानंद मिश्र की रचना देने लगते हैं घाव का संदेश यह है कि मानव व्यर्थ में अनावश्यक   न  बोले जब  वर्तालाप  करे तो वह अपने … Read More

kavita-sangrah/कविता- संग्रह प्रकाशित होने पर

कविता- संग्रह प्रकाशित होने पर । कविता- संग्रह हुआ प्रकाशित कवि के जीवन की सर्वाधिक महत्वपूर्ण घटना थी जिससे , यह संग्रह होता सम्मानित । सोचा    था  समाज    … Read More

harigeetika chhand/हरिगीतिका छंद-बाबा कल्पनेश

हरिगीतिका छंद विधान- 2212 2212 2,212 2212 पीपल हो साधना सब सफल जग की,आप पीपल तरु गहें। हैं देवता जितने सभी वे,एक इस आश्रय रहें।। तरु डाल इसके पात जितने,देवता … Read More

nahin the ve graam- devata/नहीं थे वे ग्राम- देवता

nahin the ve graam- devata:  डॉ. सम्पूर्णानंद मिश्र की रचना नहीं थे वे ग्राम- देवता धूरियाए से जिस्म से जिनके प्रथम पंक्ति का भाव यह हैं कि ग्राम देवता की … Read More

best poem on nari shakti in hindi /नारी शक्ति 

best poem on nari shakti in hindi : प्रेमलता शर्मा  की रचना  नारी शक्ति  को  प्रेरित  करने  वाली   कविता  है  यह nari samman  par kavita है  इस  कविता  का ध्येय … Read More