चांद मेरे पास है | Chand Mere Paas Hai

करवा चौथ के शुभ अवसर पर भावाभिव्यक्ति रचना

चांद मेरे पास है | Chand Mere Paas Hai

चाँदनी के साथ तारों का मधुर मधुमास है
इस विहंसती चांदनी में चाँद मेरे पास है !1।

मैं सजी दुल्हन बनी छत पर खड़ी तेरे लिए
नील नभ से चाँद आजा बस तुम्हारी आस है !2।

दिन सुहाना , शाम शीतल , शबनमी ये रात है
प्रियवर तुम्हारे प्यार का मधुरिम सहज आभास है !3।

अब सुकूँ सी दे गई है ये बहॅकती चाँदनी ,
उम्र तेरी हो बड़ी , ये दिन बडा़ ही खास है !4।

तू बता दे प्रियवर मुझसे ,बढ़ रही क्यों दूरियां ,
मैं समझ पाती नहीं क्यों,अनबुझी सी प्यास है !5।

क्या हुआ कुछ तो बताओ,कौन सी वह टीस है,
मैं तेरी धरती सुहागन,तू मेराआकाश है !6।

शुभ घड़ी लो आ गई,शिकवा-शिकायत छोड़ कर,
जिंदगी सच कुछ नहीं , बस प्यार का एहसास है !7।

हर जनम में हम सदा ,मुसकुराते यूॅ रहें,
दिल मेरा धड़कन तुम्हारी,हो अटल विश्वास है !8।

ख्वाहिशें बस ‘इन्दु’ की , नूतन मलय ॠंगार हो,
स्वप्न-निर्झर में सवॅरती,प्रिय सहज उच्छ्वास है।9।

chand-mere-paas-hai
प्रतिभा इन्दु भिवाडी़, राजस्थान

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