desh bhakti song lyrics-डॉ. रसिक किशोर सिंह नीरज
desh bhakti song lyrics-डॉ. रसिक किशोर सिंह नीरज के देशभक्ति गीत ७२ वां गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में हिंदुस्तान को समर्पित है ।
बलिदान हुये
धन्य धन्य जो भारत पर बलिदान हुये ।
माता की आँचल की
लाज बचाने वाले
तुम्हें नमन हैं गौरव
मान बढ़ाने वाले
साँस-साँस में मुखर
राष्ट्र का गायन वन्दन
शीश हथेली पर रख
करते माँ का अर्चन
फिर भी कभी नहीं पूरे अरमान हुये ।
धन्य- धन्य जो भारत पर बलिदान हुये ।
धीरब्रती साहसी
पंथ पर बढ़ते जाते
महाकाल से भी न
कभी किंचित घबड़ाते
ब्रण आच्छादित वक्ष
लिये मुस्काते जाना
शूलों पर रख चरण
सदा बढ़ते ही जाना
जन्म मृत्यु से परे अमर ,अभिमान हुये ।
धन्य -धन्य जो भारत पर बलिदान हुये ।
सागर से गंभीर
हिमाचल से दृढ़ निश्चल
घोर आपदाओ में भी
जो रहते अविचल
उनकी महिमा कौन
भला कब है लिख पाया
जिन्हें समय ने बढ़कर
टीका स्वयं लगाया
अंधकार में आलोकित दिनमान हुये ।
धन्य-धन्य जो भारत पर बलिदान हुये ।
२.प्यारा वतन हमारा
प्यारा वतन हमारा
ये देश है हमारा ।
गंगा भी है हमारी
जमुना भी है हमारी
ये उच्च शिखर सारे
पशु पक्षी जीव प्यारे
ऋतुओं का यह संवारा
सारा चमन हमारा
ये देश है हमारा ।
बचपन मिला जहाँ पर
यौवन सजा वहाँ पर
सुन्दर सुकृत्य सबकर
खिलते सुमन यहाँ पर
बँट जाये ना कहीं फिर
आपस का प्यार सारा
यह देश है हमारा ।
अठारह पुराण प्यारे
वेद शास्त्र हैं हमारे
करते हैं मार्गदर्शन
होता है सफल जीवन
;नीरज’ है सबसे न्यारा
यह देश है हमारा ।
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