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पर्यावरण दिवस पर कविता- paryavaran par kavita

पर्यावरण दिवस पर कविता  | paryavaran par kavita- पर्यावरण दिवस पर सभी पर्यावरण प्रेमियों को  समर्पित  रचना   पर्यावरण / डॉ विष्णु प्रताप सिंह   की  प्रस्तुत है  :

पर्यावरण


मैंने अपने जन्म काल से ,
जग को सदा संवांरा है ।

फिर भी मेरे कण-कण को ,
नर ने सदा उजाड़ा है ।

मेरे सुन्दर उपवन धन से ,
जग की हर सुन्दरता है।

मेरे पंच तत्व से तन पा,
भवसागर नर तरता है ।

मैं अपने शाश्वत स्वरूप मे,
नदियों की निर्मल धारा हूँ ।

अग्नि रूप मे किरण पुंज मै,
गुरुता मे मै ध्रुव तारा हूँ ।

मेरा मर्यादित प्रयोग ही,
मेरे प्रति अनुराग अमर है ।

मेरे चिर जीवन से निश्चित ,
जीवन जग में अजर अमर है ।

मुझसे ही जग मे जगमग है,
सोंचो समझो मुझे बचाओ ।

मुझसे ही सब खाद खनिज हैं ,
जितना लो उतना लौटाओ ।

मेरे प्रति अनुराग तुम्हारा,
कष्ट न तुमको होने देगा ।

मेरे साथ सुयोग तुम्हारा,
कभी न तुमको रोने देगा।


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डॉ विष्णु प्रताप सिंह असिस्टेंट प्रोफ़ेसर(अंग्रेजी) राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सांगीपुर प्रतापगढ़

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