poem on maa durga- देवी पर कविता

poem on maa durga

जय माता दी


आया हूं तेरे द्वार,
माता शेरावाली।
दे दे अपना प्यार,
माता शेरावाली।
दूर कहीं पर बैठे-बैठे,
तू संसार चलाये‌।
तेरे आगे देव और मानव,
नतमस्तक हो जाये।
तेरी महिमा के आगे,
सब कुछ‌ है‌ बेकार
माता शेरावाली।
दुर्गम असुर को मार के मइया,
तू दुर्गा कहलाई।
रक्तबीज संहारन कारण,
तू काली बन आई।
तेरे चरणों के आगे,
सब कुछ है बेकार।
माता शेरावाली।
तेरे दर पर जो भी आये,
खाली हाथ न जाये।
भर दे तू झोली में इतना,
कभी न हाथ बढ़ाये।
धरती से अम्बर तक होती,
तेरी जय-जय कार।
माता शेरावाली।

poem- on- maa -durga
दुर्गा शंकर वर्मा “दुर्गेश” रायबरेली।

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