Poem on Ram in Hindi – सीयराम नाम दें
Poem on Ram in Hindi
छंद-चामर
सीयराम नाम दें
राम-राम राम-राम राम-राम राम हो।
राम-राम राम-राम अंजनी लला कहो।।
राम-राम राम-राम कल्पनेश बोल रे।
राम-राम नाम का सुदिव्य घोल-घोल रे।।
आप की कृपा रहे सदा अनित्य त्याग हो।
काम-क्रोध मोह आदि से रहे विराग हो।।
ज्ञान-भक्ति दान एक आप से मिला करे।
भक्ति युक्त पुष्प ताल आप से खिला करे।।
हो कृपा विशेष लाल शीश पाँव में झुका।
आ गया अनाथ नाथ धाम आप के रुका।।
कौन पीर को हरे भरे सुभक्ति राम की।
जो पछाड़ शक्ति दे पगे हुए कुकाम की।।
अर्थ-धर्म ज्ञान की सुकामना खिली नहीं।
मैं गरीब ही रहा सुभक्ति भी मिली नहीं।।
दीन हीन ठाँव में अड़ा हुआ लखें इसे।
अंजनी लला महान पाँव में रखें इसे।।
नित्य हो दया कृपालु सीय राम नाम दें।
एक बार ही सही कृपा विशाल धाम दें।।
कालनेमि को पछाड़ ज्यों सजीवनी लिए।
राम बंधु जी उठे तुम्ही सजीवनी दिए।।
एक बार दें निहार लाल ये निहाल हो।
कालिमा लगी लिलार स्वच्छ-स्वच्छ भाल हो।।
लालिमा प्रभात हो सुदृष्टि खोल दें लखे।
राम नाम का प्रभाव हो अदीन ये चखे।।
भक्ति धार वाहिनी प्रवाहिनी सुगंग हो।
राम नाम मंत्र का हिए सदा तरंग हो।।
आप की कृपालुता सदा रहे जया प्रदा।
शत्रु हेतु काँध पे धरें रहें सदा गदा।।
राम नाम के प्रभाव सेतु बंध पार हो।
लूम में लपेट आग स्वर्ण लंक क्षार हो।
एक राम नाम दें अकामनाम आप हैं।
राम नाम के प्रभा सुमूर्ति हैं प्रताप हैं।
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