क़लम और तलवार/ सीताराम चौहान पथिक

क़लम और तलवार । आप लिख – लिख कर , क़लम- घिस जाएंगे । ये जो है – चिकने घड़े , रंगत  नयी दिखलाएंगे ।। आज भ्रष्टाचार- बेईमानियो, —    … Read More

kalam aur talavaar-कलम और तलवार/डॉ० सम्पूर्णानंद मिश्र

kalam aur talavaar :  डॉ० सम्पूर्णानंद मिश्र  की  रचना  कलम और तलवार   पाठको  के सामने  प्रस्तुत  है जो हमे सन्देश देती है कलम और तलवार में तुलना नहीं हो सकती … Read More