Chhand Bhujangaprayaat/ बाबा कल्पनेश

Chhand Bhujangaprayaat छंद-भुजंगप्रयात करो मातु दाया न जागे जगाए न बोले बुलाए। नहीं जीव जैसा कभी दीख पाए।। हिलाओ-डुलाओ कभी भी न डोले। पड़ी लाश जैसा नहीं आँख खोले।। बड़ा … Read More