पुष्पा श्रीवास्तव शैली की कविता | बौने स्वप्न | बुझता है दीप अंबे ज्ञान का प्रखर देखो

पुष्पा श्रीवास्तव शैली की कविता | बौने स्वप्न | बुझता है दीप अंबे ज्ञान का प्रखर देखो बौने स्वप्न हमने बोए कुछ स्वप्न,कुछ उगे,बढ़ेऔर कुछ बौने रह गए।बौने रह गए … Read More

कब के बिछुड़े | ढूढ़ती हूं | पुष्पा श्रीवास्तव शैली

कब के बिछुड़े | ढूढ़ती हूं | पुष्पा श्रीवास्तव शैली १. कब के बिछुड़े कब के बिछुड़े आज फिर जब तुम मिले तोमोर सा मन आज फिर से नाचता है।हो … Read More

अब जाकर आराम मिला है / पुष्पा श्रीवास्तव शैली

अब जाकर आराम मिला है / पुष्पा श्रीवास्तव शैली अब जाकर आराम मिला है। बादल लिखना,काजल लिखनाकोई अर्थ कहाॅं होता है।जब तक लिखा न जाए ऑंसू,कोई मर्म कहाॅं होता है।लिखा … Read More