शिशु और जननी | sitaram chauhan new kavita

शिशु और जननी बच्चा प्रभु का रूप है ,सुन्दर सुघड़ अबोध ।इससे प्रीति बढ़ाइए ,मिटे बुढ़ापा रोग ।। तन मन हो रोमांचित ,बच्चा बन कर देख ।चिंताएं मिट जाएंगी ,दिखे … Read More