मैंने उसको ढूंढ लिया है / सविता चडढा

मैंने उसको ढूंढ लिया है उसको मैंने ढूंढ लिया है,जिसको ढूंढ लिया है मैंने,वह सबको नहीं मिलने वाला,अभी बचपन है,उछल कूद है और जवानी भी रंगीन,पैरों नीचे नहीं जमीन,आसमान पर … Read More

अपने जीवन से निरर्थकता कम कर लें?

अपने जीवन से निरर्थकता कम कर लें? वरिष्ठ  साहित्यकार  सविता चड्ढा  की  स्वरचित  रचना का सन्देश यह है कि जीवन में संयम का पालन करना चाहिए यह सभी संदेश गीता, … Read More

मेरी मां एक नज़्म – सविता चड्ढा

मेरी मां एक नज़्म   मेरी माँ मेरी मां के पास बहुत सीमित धन था उसने मंदिर गुरुद्वारों में कभी लंगर नहीं लगाया था कोई बड़ा दान पुण्य का काम … Read More