Swagata vasanta/सीताराम चौहान पथिक

स्वागत वसन्त । (Swagata vasanta) झरे पात — नव-अंकुर  फूटे , अलसाई ऋतु ने ली अंगडाई । नव कोपल  फूटी शाखा पर , कोकिल ने मीठी तान सुनाई। गेंदा – … Read More