harigeetika chhand/हरिगीतिका छंद-बाबा कल्पनेश

हरिगीतिका छंद विधान- 2212 2212 2,212 2212 पीपल हो साधना सब सफल जग की,आप पीपल तरु गहें। हैं देवता जितने सभी वे,एक इस आश्रय रहें।। तरु डाल इसके पात जितने,देवता … Read More