जनपद रायबरेली के प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार अभय प्रताप सिंह के संस्था लेखनशाला की हुई शुरूआत

रायबरेली के छोटे से गांव बेनीकोपा ( कबीरवैनी ) के रहने वाले युवा लेखक अभय प्रताप सिंह ने लेखनशाला ( शब्दों की उड़ान ) नाम से संस्था बनाकर शुरू की एक नई पहल। जिसकी शुरुआत आज़ मुंशीगंज स्थित शहीद किसानों की याद में बनी स्मारक, शहीद स्मारक पहुंच संस्था को पूर्ण रूप से शुरू किया गया और साथ ही संस्था का टी शर्ट भी विमोचित किया गया।

युवा साहित्यकार अभय लेखनशाला को लेकर ये भी बताया कि मैं तमाम लोगों के खुशियों का जरिया बनना चाहता हूं। मुझे लगता था कि मैं लोगों के लिए, समाज के लिए, देश के लिए कुछ तो अच्छा करूं पर करना क्या था वो समझ के बाहर था। हर वक्त कुछ न कुछ सोचता था, हर वक्त प्रयास करता था कि मैं उन सभी आंसुओं को पोछूं जो रोज़मर्रा की वजह से बह रहे थे। ये बात सही है कि मुझे लिखने का शौक है, साहित्य में रुचि है और लेखक बनना शौक। शायद यही कारण है कि मै जीवन के 8 साल साहित्य को दिया और कुछ किताबें भी लिखा।

एक ओर व्यक्तिगत संघर्ष तो दूसरी ओर उनकी तकलीफों को देख मेरे आंखो से बहते आंसू और छिपाने के बावजूद भी दिख रही चेहरे की उदासी। मैं साहित्य को चुना और साहित्य ने मुझे बहुत कुछ दिया, बहुत कुछ सिखाया। शायद तभी छोटे – छोटे नेवालों को देखते मासूमियत, सालों का संघर्ष, कई दिनों की सूखी रोटी को पानी में डूबा खाते करीब 70 साल के बुजुर्ग, झिल्ली में बिखरे भोजन में कुछ ढूंढती उंगलियां, शारीरिक तकलीफों के बाद भी बोझा खींचते हांथ, ऐसी तमाम कहानियां जो की वास्त्विक होते दिखी।

इन तमाम कहानियों के बीच घिरा मैं और दूसरों की मदद करने को बेकाबू मेरे हांथ जो कांपती उंगलियों को भूल उनकी खुशियों के लिए बेताब, शायद यही कारण था कि मेरे पास सबकुछ होने के बावजूद भी दुखों में, तकलीफों में घिर साहित्य को अपनाने के लिए परेशान था। शायद यही कारण था कि मैं साहित्य को छोड़ नहीं पाया और हमेशा – हमेशा के लिए उससे जुड़ने लगा।

इन्हीं सब कारणों से मैं लेखनशाला स्थापित किया और लोगों से जुड़ने के लिए , उनकी मदद हेतु अपनी सारी जमा पूंजी इसी में लगा दिया। शायद यही कारण था कि अब ये सपना पूरे होते दिख रहा है और आज़ के इस समारोह में टी शर्ट विमोचन के दौरान संस्था की ओर से संस्थापक अभय प्रताप सिंह, प्रदीप कुमार, दीपक सिंह, आशीष प्रजापति, गौतम सिंह और अमित कुमार आदि उपस्थित रहे और टीम के कुछ सदस्य आंजनेय तिवारी, अवधेश पटेल, अंकित शर्मा और अजीत बहादुर वीडियो कॉल के द्वारा अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराए।

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