Mahila diwas par kavita/दुर्गा शंकर वर्मा “दुर्गेश”
मैं नारी हूं (Mahila diwas par kavita) मैं नारी हूं,मैं नारी हूं, नारी बचन निभाती हूं। छोटों से लेकर अग्रज तक, अपना प्यार लुटाती हूं। मैं चाची,नानी वैसी हूं, अम्मा,बुआ … Read More
मैं नारी हूं (Mahila diwas par kavita) मैं नारी हूं,मैं नारी हूं, नारी बचन निभाती हूं। छोटों से लेकर अग्रज तक, अपना प्यार लुटाती हूं। मैं चाची,नानी वैसी हूं, अम्मा,बुआ … Read More