बदलते चेहरे / आकांक्षा सिंह ‘अनुभा’

बदलते चेहरे अक्सर चेहरों को रंग बदलते देखा है। आपके सामने कुछ और।। दूसरों के सामने कुछ और होते देखा है। अक्सर चेहरों को रंग बदलते देखा है।। सुनते तो … Read More

मुसाफिर हम मुसाफिर तुम / नरेंद्र सिंह बघेल

मुसाफिर हम मुसाफिर तुम | नरेंद्र सिंह बघेल मुसाफिर हम मुसाफिर तुम ,किसी का क्या ठिकाना है ।कि खाली हाँथ आए हैं ,औ खाली हाँथ जाना है ।फकत रह जाएगीं … Read More

कब के बिछुड़े | ढूढ़ती हूं | पुष्पा श्रीवास्तव शैली

कब के बिछुड़े | ढूढ़ती हूं | पुष्पा श्रीवास्तव शैली १. कब के बिछुड़े कब के बिछुड़े आज फिर जब तुम मिले तोमोर सा मन आज फिर से नाचता है।हो … Read More

गुमनाम आंखें | अभय प्रताप सिंह | हिंदी कहानी

गुमनाम आंखें | अभय प्रताप सिंह | हिंदी कहानी अस्पताल में कमरे के बाहर मास्टर साहब कभी खड़े होते तो कभी इधर – उधर टहलने लगते , कभी बैठ जाते … Read More

नक़ाब / सम्पूर्णानंद मिश्र

नक़ाब नक़ाबके पीछे काचेहरा ख़ूबसूरत होनहीं होता ऐसा हमेशाहांयह बिल्कुल सत्य है किनक़ाब के उतरने परही यथार्थ सामने आता हैवैसेनक़ाब के चरित्र काएक उज्ज्वल पक्ष हैथोड़े समय के लिएविद्रूपता कोअपने … Read More