शान्ति का मसीहा / सीताराम चौहान पथिक
शान्ति का मसीहा बीत जाएंगे हजारों वर्ष- लेकिन,याद हॄदय से भुलाई जाएगी ना ही कभी।आएंगे स्मरण जब जीवन के अंतिम क्षण ,आँसू बहाएंगे कोटि नर- नारी सभी।। लेखनी लिखती रहेंगी … Read More
शान्ति का मसीहा बीत जाएंगे हजारों वर्ष- लेकिन,याद हॄदय से भुलाई जाएगी ना ही कभी।आएंगे स्मरण जब जीवन के अंतिम क्षण ,आँसू बहाएंगे कोटि नर- नारी सभी।। लेखनी लिखती रहेंगी … Read More
सत्य है पुंज प्रकाश का / वेदिका श्रीवास्तव न्याय -न्याय बस चिल्लाने से न्याय नहीं मिल जाता है ,सत्य है पुंज प्रकाश का ,खुद अपनी राह बनाता है | भीगे … Read More
किस्मत की रेखा ख़्वाबों की दहलीज पर खींची हुई एक रेखा हैं।जिसके एक ओर अपने,एक ओर सपनों को देखा है।। आसान नहीं डगर बड़ी ही कंकरीट, पथरीली होती हैं।दिखे ना … Read More
कविता टाइफायड में आज मैं लिखरहा हूं कविता टाइफायड मेंक्यों लिख रहा हूंनहीं समझ पा रहा हूंहां आज मन कुछ उदास हैक्योंकि नहीं कोई मेरे पास हैजब मैं स्वस्थ थातो … Read More
विरह की अग्नि बिंदी माथे पे सजाकर कर लिया सोलह श्रृंगार ।प्राणप्रिय आपकी राह में बिछाई पुष्प वह पगार ।। शय्या पर भी चुनट पड़ी बोले सारी सारी रात ।नींद … Read More
कटु – सत्य मानव जीवन का अंतिम कटु सत्य ,धधकती चिता का शमन । देख कर लौटा हूं राजनेता की चिता ।प्रश्न कचोटता है , हॄदय झकझोरता है ,क्या इसी … Read More
Vedika ke Dohe | वेदिका के दोहे देत सबहीं उपदेश धर्म का ,धर्म ना जाने कोय ,जस कागज का पुष्प ,इतर लगा खुश होय !!! वचन ना कड़वा देखिये ,मातपिता … Read More
अमर धरोहर भरत-वंश की। अगर चाहता जीवन को तू,अपने सफल बनाना ,कदम-कदम तू कदम मिलाकर,आगे बढ़ते जाना ।।टेक। लक्ष्य तुम्हारा आगे बढ़कर,तुम्हें सफलता लेनी है,मन में भर उद्दाम लालसा,सीख सभी … Read More
Kaise Ganga Putr – कैसे गंगा – पुत्र/ सीताराम चौहान पथिक कैसे गंगा – पुत्र । युगों-युगो से मां गंगे , पर-हित इतिहास तुम्हारा। तॄषित – जनों की प्यास बुझाती … Read More
Aas aur Vishvaas -आस और विश्वास / महेश चंद्र शर्मा ‘राज’ आस और विश्वास… मैं जीवन के दोराहे पर खड़ा हूं आस को थामे। मैं मंजर साथ सभी लेकर बढ़ा … Read More
माली की तलाश | Mali Ki talaash माली की तलाश । आओ तुम को में सुनाऊं , इस चमन की दास्तां । कैसे बिखरा पत्ता – पत्ता , कैसे … Read More
बाबा कल्पनेश की छंद रचनाएँ | Pushp Aur kantak पुष्प और कंटक छंद-दुर्मिल यह कैसा संकट,पथ के कंटक,फिर-फिर शीश उठाते हैं। ये डाली-डाली,हे उर माली,देखे पुष्प लुभाते हैं।। जो … Read More
प्रिय भाषा हिंदी / श्रवण कुमार पांडेय पथिक प्रिय भाषा हिंदी भाग्यशाली हूँ मैं जब जन्मा तो प्रथम, बधाई मिली मेरे पूज्य बाबा जी को, दादा आपके नाती पैदा हुआ … Read More
राष्ट्रभाषा हिंदी की हमारे देश में क्या स्थिति है – सीमा श्रीवास्तव विश्व में बहुत से देश है और सभी देशों में अलग-अलग भाषाएं बोली जाती है, भारत एक धर्मनिरपेक्ष … Read More
हिंदी की महत्ता / डॉ० सम्पूर्णानंद मिश्र हिंदी की महत्ता आदिकाल से हिंदी की अपनी एक महत्ता है। विभिन्न भाषा- भाषियों के बीच इसकी सत्ता है।। सूर, कबीर, तुलसी का … Read More