तेरी सुधि की अमराई से | हिंदी कविता | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी’ हरीश
तेरी सुधि की अमराई से | हिंदी कविता | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी’ हरीश तेरी सुधि की अमराई से तेरी सुधि की अमराई से,मलय सुरभि ले आता है।मेरी उखड़ी सॉसों को प्रिय,सन्देश … Read More
तेरी सुधि की अमराई से | हिंदी कविता | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी’ हरीश तेरी सुधि की अमराई से तेरी सुधि की अमराई से,मलय सुरभि ले आता है।मेरी उखड़ी सॉसों को प्रिय,सन्देश … Read More
आधार छंद वंशस्थ | बाबा कल्पनेश | हिंदी गीत आधार छंद-वंशस्थ उषा प्रभा गान करे सुना करो।जगी रहो और सदा गुना करो।। प्रिये सदा प्रेम भरी रहा करो।द्वेष भरे भाव … Read More
तीन बाल कविताएं | baal kavita in hindi १. बेचारा छात्र नीचे स्वाटर ऊपर स्वाटर , बीच में कमीज़ । टाई सीधी बांध ले , सीख ले तमीज ।। … Read More
चलो गगन में तितली बनकर । Hindi Poem for Kids चलो गगन में तितली बनकर,दूर घूम कर आयें हम ।देखें कितनी सुन्दर दुनिया,शाम ढ़ले घर आयें हम।टेक। बड़ा अजूबा लगता … Read More
मुक्तक एक कदम तुम भी चलो एक कदम हम भी चलें,आस्था भरे पग धरो इन्तजार मे हैं मंजिलें – श्रवण कुमार पांडेय पथिक फतेहपुर श्रवण कुमार पांडेय पथिक फतेहपुर की … Read More
कोई कली बगिया में जब खिलने को होती है कोई कली बगिया में जब खिलने,को होती है,बगिया को महकाएगी ये आस लिए होती है ,नाजुक सी प्यारी सी उपवन में,कितनी,सुन्दर … Read More
दम्पत्ति- संवाद / सीताराम चौहान पथिक पत्नी-मेरे जीवन साथी, मैं दिया और तुम बाती ।जीवन में भरें प्रकाश, लिखें नव कथा प्रेम की पाती ।।मैं सीता और तुम राम, मैं … Read More
हम और हमारी आजादी / सीताराम चौहान पथिक आज आजादी की शम्मा ,जल-बुझ रही है दिन ब दिन।जज्बे आजादी की धुन ,मिट रही है दिन ब दिन ।। ऐ खुदा … Read More
व्यथा हिंदी कविता / वेदिका श्रीवास्तव नैतिकता तो खो सी गयी और मानवता का पूछो मत ,सरकारी हो य़ा व्यक्तिगत लाभ कमाना चाहे सब ,बड़ी व्यथा है ,बड़ी व्यथा है … Read More
मन के जगमग दीप जलाएं / डॉ ब्रजेन्द्र नारायण द्विवेदी शैलेश राग द्वेष का जहां तिमिर है साथ साथ मिल दूर भगाएं मिल कर आपस में हम अपने मन के … Read More
रचनाकार बाबा कल्पनेश की हिंदी कविताएं १.दीपक गान जहाँ पर घूर जलाकर दीप।करो उजियार पले सुख सीप।।तभी यह पर्व बने खुशहाल।रहे तब उच्च सदा निज भाल।। प्रकाश मिले सबको भरपूर।मिटे … Read More
रचनाकार हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’ की हिंदी कविताएं बाल आवाहन १. आओ हम संकल्प नया लें ले लो दीप दिवाली आई,होंठों पर फिर लाली छाई ।1। नूतन का हम स्वागत करते,उपवन … Read More
क्रोध और अहंकार / सीताराम चौहान पथिक अहंकार जब आ जाता है ,नशा आँख में छा जाता है ।पतन तभी होता है यारो ,अहम मनुज को खा जाता है इतिहास … Read More
दीप जलायें मन के सारे / डा. रसिक किशोर सिंह नीरज दीप जलायें मन के सारे,मिट जायें तम के अंधियारेरह न जाये कोई कोनामिट्टी भी हो जाये सोना। सदा राष्टृ … Read More