पतली पगडंडी | Hindi Kavita | पुष्पा श्रीवास्तव शैली

पतली पगडंडी | Hindi Kavita | पुष्पा श्रीवास्तव शैली उस पतली पगडंडी पर तुम कैसेकैसे दौड़ा करते थे।कच्ची अमिया के गुच्छे कोकैसे तोड़ा करते थे। बहुत बार हम गिरे साथ … Read More

‘शब्द-शक्ति’ | आरती जायसवाल

‘शब्द-शक्ति’ | आरती जायसवाल ‘शब्द की शक्ति अनूठी होती है’कभी संहारक तो कभी निर्माण की भूमिका मेंयों ही नहीं बोले और लिखे जाते हैं शब्द ;क्योंकि शब्द छूते हैं हमारे … Read More

छोटी सी गौरैया | दुर्गा शंकर वर्मा ‘दुर्गेश’

छोटी सी गौरैया छोटी सी होती गौरैया,झुंड में आ जातीं गौरैया।आंगन में फिर फुदक-फुदक कर,सबका मन भातीं गौरैया।चूं-चूं चीं-चीं वे हैं करती,अपनीं भाषा में कुछ कहतीं।दानें चुगनें झट आ जातीं,अपना … Read More

हिन्दू नव वर्ष पर कविता 2023 – Hindu New Year Poem in Hindi – हिन्दू नव वर्ष पोएम इन हिंदी – Hindu Nav Varsh Kavita Hindi me

हिन्दू नव वर्ष पर कविता 2023 – Hindu New Year Poem in Hindi – हिन्दू नव वर्ष पोएम इन हिंदी – Hindu Nav Varsh Kavita Hindi me नववर्ष विथा-तोटक छंद112 … Read More

नूतन वर्ष मनायें | Hindu New Year Poetry | Hindi Kavita

नूतन वर्ष मनायें | Hindu New Year Poetry | Hindi Kavita आया पावन पर्व हमारा,नूतन वर्ष मनायें,चलें साथ सब नव विकास पथ,सुख-समृद्धि घर लायें।टेक। फसलें झूम रहीं खेतों में ,अनुपम … Read More

नव संवत्सर | हिंदी कविता | डाॅ. बी.के.वर्मा ‘शैदी’

नव संवत्सर | हिंदी कविता | डाॅ. बी.के.वर्मा ‘शैदी’ भारतीय नव संवत्सर केस्वागत_समारोहों के बारे में जानकर,मेरे पोते ने मुझ से पूछा:“दादा जी!New Year तो हमतीन महीने पहले ही मना … Read More

विश्व कविता दिवस के शुभ अवसर पर कविता | प्रतिभा इन्दु

दे चुका सब कुछ तुम्हें मन अब न कुछ भी पास हैं.जो खड़ा खण्डहर उसी का,यह सही इतिहास है। मूर्तियां खण्डित हुई हैंजो किसी ने तोड़ डालेमूक बनकर कह रहे … Read More

यह अपना नववर्ष | प्रतिभा इन्दु | Hindu Nav Vrsh Kavita

यह अपना नववर्ष | प्रतिभा इन्दु | Hindu Nav Vrsh Kavita हवा बसंती , कोयल गातीबैठ आम की डाली ,मादक महुए के सुगंध सेहुई दिशा मतवाली ,मधुमय मौसम बिखरा सौरभछाया … Read More

एक वासंती गीत | दुर्गा शंकर वर्मा ‘दुर्गेश’

एक वासंती गीत | दुर्गा शंकर वर्मा ‘दुर्गेश’ एक वासंती गीत शीत दूर हो रही,सूर्य ताप छा गया।लो वसंत आ गया,लो वसंत आ गया।बह रही वासंती पवन,मन मयूर नाचता।शीत ने … Read More

तुम्हारा प्यार ही तो है | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी’हरीश

तुम्हारा प्यार ही तो है | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी’हरीश तुम्हारा प्यार ही तो है,जो माधव बनकर आया है,बिखेरो स्नेह की खुशबू,सन्देशा सबको लाया है।टेक। नहीं शिकवे-गिले कोई,चॉदनी चॉद में खोई ,किसे … Read More

देख लो आम के बौर को बेटियों | पुष्पा श्रीवास्तव शैली

देख लो आम के बौर को बेटियों देख लो आम के बौर को बेटियों,और पगडंडी की दूब पर बैठ लो।कूक कोयल की समझो जरा ध्यान से,आम महुए से बतियाते आराम … Read More

बदनसीबी | संपूर्णानंद मिश्र

बदनसीबी बदनसीबी जब आती हैअपना ही मुंह बिराती है बदनसीबी की मारीउस बेटी कीआंखें जब खुलीतब गंदीबस्तियां स्वागत मेंखड़ी थी उसके एक गहन अंधेरे मेंबदनसीब बच्चीभविष्य का असफलउजाला ढूंढ़ रही … Read More

अर्चना | सम्पूर्णानंद मिश्र

अर्चना | सम्पूर्णानंद मिश्र अर्चनाकीअभिव्यक्तिगूंगे के मीठे फल जैसा है जिसकारसास्वादन सिर्फ़ किया जा सकता हैवर्णन नहीं जीवन मेंउनकीअर्चना होनी चाहिए अवश्य जोत्याग के धागेऔर समर्पण की सूईसे संबंधों के … Read More

कान्हा के संग प्रीत | छंद | नरेंद्र सिंह बघेल

कान्हा के संग प्रीत | छंद | नरेंद्र सिंह बघेल कान्हा के संग प्रीत के गीत की ,नीति की रीति सिखा गई राधा ।हाँथ पकर बरजोरी करैं जब ,हार के … Read More

रिश्तों से हलकान मिला | रश्मि लहर

रिश्तों से हलकान मिला | रश्मि लहर रिश्तों से हलकान मिलाटुकड़ों बॅंटा मकान मिला हर पग पर तूफ़ान मिलासफर कहाॅं आसान मिला न थीं निभाने की कसमेंप्रेम गुॅंथा अनुमान मिला … Read More