जाग्रत कवि संपूर्णानंद! हूबनाथ पांडेय
कवि अपने समय का सजग प्रहरी होता है। वह अपने समय और समाज की प्रत्येक गतिविधि पर पैनी नज़र रखता है और समाज के सार्थक विकास में आनेवाली अड़चनों – … Read More
कवि अपने समय का सजग प्रहरी होता है। वह अपने समय और समाज की प्रत्येक गतिविधि पर पैनी नज़र रखता है और समाज के सार्थक विकास में आनेवाली अड़चनों – … Read More
समय के साथ कदमताल करती हैं सम्पूर्णानंद की कवितायें – डॉ. संतलाल समीक्षक – डॉ. संतलाल, भाषा सलाहकार देवस्त्रा टेक्निकल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड ली मेरेडियन कमर्शियल टावर विन्डरसन प्लेस नई … Read More
समीक्षा दिवस विशेष – “सुनहरी भोर की ओर / डॉ ब्रजेन्द्र नारायण द्विवेदी शैलेश वाराणसी पुस्तक समीक्षा गीतों की किताब “सुनहरी भोर की ओर “ आज समीक्षा दिवस है। सामने … Read More
सम्पूर्णानंद मिश्र का शब्द-समर/ श्रीधर मिश्र सम्पूर्णानंद मिश्र का शब्द-समर संपूर्णानंद मिश्र की कविताएँ पढ़ने से यह महसूस होता है कि वे सोद्देश्य रचनाकार हैं,उनकी कविताएं हमारे समय मे सीधे … Read More
समसामयिक सवालों से टकराती कविताएँ हमारे प्राचीन शास्त्रों में कविता लिखने का कारण नैसर्गिकी प्रतिभा बताया गया है। इस अर्थ में हर व्यक्ति कवि है। इस अर्थ को विस्तार देते … Read More
Book Review| कराहती संवेदनाएं (काव्य-संग्रह) समीक्षा समीक्षक- प्रोफेसर विनोद कुमार मिश्र महासचिव, विश्व हिंदी सचिवालय, मारीशस कराहती संवेदनाएं (काव्य-संग्रह) पल्लवी प्रकाशन डी०750, गली- 4,अशोक नगर, शाहदरा, दिल्ली-110093 मो.: 09856848581 मूल्य … Read More
पुस्तक समीक्षा साक्षी है समय/हूबनाथ, प्राध्यापक साक्षी है समय पुस्तक समीक्षा कविता पीड़ा, यातना, ताप, शाप से सिर्फ़ राहत ही नहीं होने देती, सोए हुए ज़मीर को, विवेक को, आक्रोश … Read More