ग़ज़ल बिछुडता है दिले- दिलबर | Ghazal Bichhuta Hai Dile Dilbar
ग़ज़ल बिछुडता है दिले- दिलबर | Ghazal Bichhuta Hai Dile Dilbar बिछुडता है दिले- दिलबर ,तो दिल ना- साज होता है ।तडपता है सुबह और शाम ,बे-आवाज होता है ।। … Read More
ग़ज़ल बिछुडता है दिले- दिलबर | Ghazal Bichhuta Hai Dile Dilbar बिछुडता है दिले- दिलबर ,तो दिल ना- साज होता है ।तडपता है सुबह और शाम ,बे-आवाज होता है ।। … Read More
आओ!अब मातम मनाएं | Hindi Kavita Aao Maatam Manaen दिल्ली में न हिंदू मरान मुसलमान सिर्फ़ इंसान मराआओ!अब अपने नापाकहाथों की कुछ धूल झाड़ आएंचलो घटनास्थलका दौरा कर आएं ! … Read More
दे दे रे करवा मॉ वर दे | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश‘ दे दे रे करवा मॉ वर दे,अमर सुहाग रहे सबका ।स्नेह -सिन्धु में गोता खायें,मस्त मुदित हो हर तबका … Read More
करवा चौथ | दुर्गा शंकर वर्मा “दुर्गेश” चांद का सारा दिन, इंतजार होता है।फिर रात मेंउसका,दीदार होता है। हे चांद जल्दी आना,छिपना नहीं।मैं छत पर जाऊंगी,रूकना नहीं।मैं सब कुछ अच्छा … Read More
करवा चौथ के शुभ अवसर पर भावाभिव्यक्ति रचना चांद मेरे पास है | Chand Mere Paas Hai चाँदनी के साथ तारों का मधुर मधुमास हैइस विहंसती चांदनी में चाँद मेरे … Read More
POEM ON UTTARAKHAND IN HINDI | उत्तराखंड पर कविता उत्तराखंड घाव कैसे भरेंगे, परिवार जिनके बह गए ।आपदा नभ से गिरी, सपने कहानी कह गए ।। विनाश के अवशेष देखो, … Read More
रचे महावर पॉवों में | Karwa chauth 2021 रोम-रोम पुलकित हो जाये,तेरी सुधि की छॉवों में।आ जाओ दृग राह निरखते,रचे महावर पॉवों में ।टेक। बीत गया है तुम बिन सुन … Read More
चरवाहों ने सारा जंगल बांट लिया नहीं किसी को पता चल सका, सभी रहे अनजान । चरवाहों ने सारा जंगल बांट लिया ।। अपनी अपनी डफली पीटें गाएँ अपने राग। … Read More
चांद सा चांद देखा (Karwa Chauth Hindi kavita) चलनी से जब चांद सा चांद देखा,उतर आसमां भी करीब आ गया है।तकरार कल भी हुई खूब जमकर,मगर प्यार घिरकर अजीब आ … Read More
शिशु और जननी बच्चा प्रभु का रूप है ,सुन्दर सुघड़ अबोध ।इससे प्रीति बढ़ाइए ,मिटे बुढ़ापा रोग ।। तन मन हो रोमांचित ,बच्चा बन कर देख ।चिंताएं मिट जाएंगी ,दिखे … Read More
शरद पूर्णिमा (Vedika Srivastava latest Poem) शरद पूर्णिमा चन्द्र है ऐसा जो सोये भाग्य जगा दे ,शरद पूर्णिमा शुभ होता है जो विश्वास जता दे ! शरद पूर्णिमा आम नहीं … Read More
मानव धर्म अटल हो जाये / हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’ रख दो पावन पद रज मस्तक,जीवन धन्य सफल हो जाये।दिव्य-दृष्टि से देखो माते ,पातक उर निर्मल हो जाये।टेक। भव सागर पार … Read More
अग्नि बिछौना / बाबा कल्पनेश प्रेम पंथ पर आगे बढ़ना,अपनी है कमजोरी।अग्नि बिछौने के आसन पर,बैठी गोरी-भोरी।।नयनों के डोरे से खींचे,आओ मेरे स्वामी।सुनकर गिरा पाँव कब रुकते,उरतल जब अतिकामी।। प्रेम … Read More
चकाचौंध की दुनिया / डॉ० सम्पूर्णानंद मिश्र घुल गया है ज़हरचकाचौंध की दुनिया मेंजहां हर चेहरा एक राजदार है और उसकी सोचउतनी ही धारदार हैइस दुनिया की रेल- पटरी से … Read More
Asha Shailee Gazal | आशा शैली की ग़ज़ल मसले को बड़े प्यार से सुलझाना चाहिएहाँ, चाहतों को दिल भी तो दीवाना चाहिए सजदे कुबूल होंगे एक दिन यकीन हैउसकी गली … Read More