राखी | दुर्गा शंकर वर्मा ‘दुर्गेश’
राखी बहना राखी लेकर आई,बहना राखी लेकर आई।भाई के घर जब भी आई,खुश होकर मुस्काई।माथे रोली तिलक लगाये,भाई राखी को बंधवाये।अपने मन में खुश हो करके,गीत खुशी के हरदम गाये।भइया … Read More
राखी बहना राखी लेकर आई,बहना राखी लेकर आई।भाई के घर जब भी आई,खुश होकर मुस्काई।माथे रोली तिलक लगाये,भाई राखी को बंधवाये।अपने मन में खुश हो करके,गीत खुशी के हरदम गाये।भइया … Read More
चाय की तलब आज चाय की तलब नेजल्दी ही जगा दियामेरे सोने पर पूरी तरहपहरा लगा दिया आज सण्डे का मजाकुछ यूं ही बिगड़ गया!चादर और चायमें बहुत ही संघर्ष … Read More
रायबरेली जनपद के अंतर्गत बैसवारा का प्रमुख क्षेत्र सरेनी है। यहाँ पर लगने वाली साप्ताहिक बाजार में उन्नाव, फतेहपुर रायबरेली के व्यापारी खरीद-फरोख्त करने आते हैं। सरेनी गाँव का अस्तित्व … Read More
ये मेरे प्यारे देश सुनों,मैं तेरे ही गुण गाता हूं।इस तन में जब तक जान बची,मैं तुझको शीश झुकाता हूं।तुझसे जुगुनू की चमक यहां,तुझसे फूलों की घाटी है।तुझसे झरनों का … Read More
मारीशस गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम श्री पृथ्वीराजसिंह रूपन ने किया डॉ. सविता चड्डा की पुस्तक का लोकार्पण मॉरीशस: विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय साहित्य सम्मेलन में भारत … Read More
जय गूंजे दशों दिशाओं में,भारत माता की हो जय-जय! मातृभूमि ‘भारत महान’सदैव हमको अभिमान रहे!वीरों की,देवों की धरती ,होंठों पे सदा गुणगान रहे!सर्वधर्म समभाव रहें,एक दूजे का सम्मान रहे!स्वतंत्रता पर … Read More
°°°°°°°°°°°°°बघेली बानी में हिंन्दुली लोकगीत की तर्ज पर विन्ध्य धरा के अमर शहीद ठा. रणमत सिंह जी पर एक गीत ।°°°°°°°°°°°°°°°~~~~~~धन्य धन्य जननी ,कि धन्य धन्य भुइयाँ ,जनम लिहें ना … Read More
बलिदान कभी वीरों का सिर ना कभी झुकने देंगे,अनगिनत बार बस तुझपे मरेंगे,शान है हमारा,तू जान है हमारा,यह तिरंगा हमेशा फहरायेंगे ।झूम-झूम कर खूब गायेंगे,झूम कर नाचेंगे,अम्बर से धरा तक … Read More
– विभीषिका मज़हब का नशाजब ख़ून में उतर जाता हैतो इंसानख़तरनाक हो जाता हैकई हिस्सों मेंवह बंट जाता हैबंटा था 1947 मेंहमारा देश भीमज़हब के नाम पर हीमज़हब ज़हर हैजानलेवा … Read More
उबालआजादी के गीत के दो दिन पहलेऔर बाद में हीदेश भक्ति का उबाल रहता है।बाकी पूरे वर्ष स्वार्थ की धाराप्रवाह मान रहती है।कुछ नहीं होता वर्ष भर मेंगीतों के माध्यम … Read More
पन्द्रह अगस्त के पावन अवसर पर सादर समर्पित। आजादी का पर्व सुपावन,आओ साथ मनायें। आजादी का पर्व सुपावन,आओ साथ मनायें।नील गगन में धवल तिरंगा,फहर-फहर फहरायें।टेक। मातृ भूमि की बलि वेदी … Read More
मातृभूमि के आऊॅ काज। मद भरे नयन बिन पिये कभी,लगता शराब पी लिया आज।1। तव रूप-सुधा से सराबोर,सपनों की डोली चले साज।2। इक बार कहो हॅस कर मुझसे,है मुझको तुम … Read More
किरदार | प्रतिभा पाण्डेय “प्रति” किरदारों का क्या !हर पल-पल बदलते रहते हैं,भले एक जैसा रहे जीवन,पर जिन्दगी के पन्ने पलटते रहते हैं,निखार तो उनमें भी रहा है, होगा भी,जिन्हें … Read More
सांसें विवेक की चलनी मेंचल जाती है जब बुद्धितब मनुष्य अनैतिकता कीज़हरीली हवा से विमुक्त होकरनैतिकता कीकिताब पढ़ने लगता है औरवह उस दिन सचमुच एक पूंछविहीनजानवर की सफ़ सेअसंपृक्त होकरधर्म, … Read More
मैं राजनीति हूं | दया शंकर मैं राजनीति हूं,राष्ट्र के निर्माण का इतिहास हूं,जाने अंजाने मुझे,विकास के हर सोपान पर,देनी पड़ती है परीक्षा,काश होती मेरी स्वस्थ समीक्षा,लाचारी, बेकारी की भीड़ … Read More