झम- झम बरसा पानी | वर्ण – माला गीत / सीताराम चौहान पथिक
झम- झम बरसा पानी | वर्ण – माला गीत / सीताराम चौहान पथिक बाल- गीत झम- झम बरसा पानी छम- छम गिरता पानी , खूब नहाती रानी । ना- ना … Read More
झम- झम बरसा पानी | वर्ण – माला गीत / सीताराम चौहान पथिक बाल- गीत झम- झम बरसा पानी छम- छम गिरता पानी , खूब नहाती रानी । ना- ना … Read More
अन्तर्स्वप्न | ‘फुलवारी’ पर एक बाल गीत / हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’ अन्तर्स्वप्न सुनहरी भोर की बेला , धरा का रूप अलबेला। लगे हैं पंख सपनों को सुहाना स्नेह का मेला … Read More
Baalgeet Saamoohik Khel बाल- गीत सामूहिक खेल एक बच्चा – ता – ता तपडी , जाले में मकड़ी , मकड़ी ने जकड़ी, एक मक्खी तगड़ी । सभी बच्चे – हां … Read More
सपनों में रंग भरती चिड़िया। (sapanon mein rang bharatee chidiya) चूॅ-चूॅ चीं चीं करती चिड़िया , सूरज निकला कहती चिड़िया ।1। घर-ऑगन तक दौड़ लगा कर, उठ जाओ अब कहती … Read More