हमारी दास्तां है | रत्ना भदौरिया

बहुत सालों से बोलने और बताने की कोशिश कर रही हूं लेकिन ना कोई सुनता है और ना ही कहने देता है। दिमाग भी नहीं चला इतने सालों से लेकिन … Read More

आत्मीयता की प्रतिमूर्ति : अशोक भईया

आत्मीयता की प्रतिमूर्ति : अशोक भईया ये कहावत तो आप सबने खूब सुना और कहा होगा -“अपने तो अपने होते हैं”। मैंने भी सुना कहने पर मैं विश्वास नहीं करती … Read More

विद्याधिप की प्रतिमूर्ति : डॉ संतलाल

विद्याधिप की प्रतिमूर्ति : डॉ संतलाल गुरुदेव डॉ० संतलाल को सरलता, सज्जनता, विनम्रता, विद्वता की प्रतिमूर्ति कहूँ तो अतिश्योक्ति न होगी। उनके लिए ये शब्द भी कम हैं, क्या करूं … Read More

संस्मरण | कुछ यादें ऐसी भी | रत्ना सिंह

कुछ यादें ऐसी भी – अपने सात साल के नर्सिंग कैरियर में इतना खुश किसी भी मरीज को नहीं देखा जितना खुश रेखा मैम थी। शुरू में जब वे आई … Read More

With nida fazli-निदा फाज़ली के साथ/आशा शैली

With nida fazli-निदा फाज़ली के साथ/आशा शैली किसी ने बताया, आज निदा फाज़ली का जन्मदिन है। मुझे कपूरथला के मुशायरे के वे दो दिन याद आ गए । सन् तो याद नहीं पर उन दिनों … Read More

karm aur karmaphal-कर्म और कर्मफल/आशा शैली

karm aur karmaphal कर्म और कर्मफल  एक दिन सुबह सवेरे ही कर्म और भाग्य के सम्बंध पर विचार कर रही थी और आज ही फल सामने आ गया। उन दिनों … Read More