गीतकार परमहंस मौर्य के हिंदी मुक्तक | हिंदी मुक्तक

१. आज कर लो जो है करना,जिंदगी का नहीं ठिकाना।कब साथ छोड़ के पड़ जाए,दुनिया से हमको जाना।हर पल शौख से जीना,रहना कभी न तन्हा,गम हो या खुशी हो हर … Read More

महक रही यह फूल की घाटी / हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’

महक रही यह फूल की घाटी महक रही यह फूल की घाटी,चन्दन-वात लुटाता है,स्नेहापूरित कण-कण जिसका,भारत देश कहाता है।टेक। शस्य-श्यामला सुफला धरती,खनिजों के भण्डार भरे,मलय सुहावन सुरभि लुटाती,कण-कण नव ऋंगार … Read More

पीड़ा / सम्पूर्णानंद मिश्र

पीड़ा सदियों सेप्रतिस्थापितपत्थरधर्मस्थलों मेंखोखले लिबासओढ़े- ओढ़ेबिल्कुल थक से गए और अपने साथ हुएअन्याय के ख़िलाफ़पूरी प्रतिबद्धता से खड़े हो गए उनके साथ हुएशोषण का रक्तउनकी आंखों सेनिरंतर टपक रहा है … Read More