चुप्पियां | सम्पूर्णानन्द मिश्र | Chuppiyan

चुप्पियां | सम्पूर्णानन्द मिश्र | Chuppiyan चुप्पियां टूटनी चाहिएचुप्पियां वक़्त परताकि जल न जायझूठ की आंच पर सत्य की रोटीमानाकिचुकानी पड़ती हैएक बहुत कीमतचुप्पियों को बोलने कीलेकिन तोड़ने से इस … Read More

कहां पर छिपी हो | Kaha par chipi ho

कहां पर छिपी हो | Kaha par chipi ho सूफीवाद पर आधारित कविता, जहां नारी को ब्रह्म तथा पुरुष को साधक माना गया है। कहां पर छिपी हो बताओ प्रिये … Read More

सुर्खुरूॅ होने में, वक्त लगता है | सजल | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘ हरीश’

सुर्खुरूॅ होने में, वक्त लगता है | सजल | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘ हरीश’ सुर्खुरूॅ होने में, वक्त लगता है। सिलसिला यादों का ,चलने दीजिए,ख्वाब सा ख्यालों में, रहने दीजिए।1। मैं … Read More

शहीदों को नमन | सीताराम चौहान पथिक

शहीदों को नमन | सीताराम चौहान पथिक दीपक स्वयं निरंतर जल करदेता दिव्य प्रकाश ।सैनिक सीमाओं पर लड़ता,राष्ट्र को देता आत्म विश्वास । दोनों का यह आत्म विश्वास,दिवाली समॄद्ध तभी … Read More

फूल पर हिंदी कविता | नरेन्द्र सिंह बघेल

फूल पर हिंदी कविता | नरेन्द्र सिंह बघेल फूल फूल एक खुशबू है एक मिठास है,फूल अपनेपन का ,एक नरम सा एहसास है ।फूल प्रेम की भाषा है ,प्रेम का … Read More

श्रवण कुमार पांडेय पथिक का रचना संसार

श्रवण कुमार पांडेय पथिक का रचना संसार सरेआम बाला को छेडा सरेआम बाला को छेडा,सिर जूतों की रेल चली,कभी गाल कभी सिर सहलाएं,मार खा रहे हैं दिलफेंक अली,,,,।दिल फेंक अली,दिल … Read More

मुझे जीना है | अरदास | रश्मि लहर

मुझे जीना है | अरदास | रश्मि लहर ‘मुझे जीना है’ मुझे पता है..छूट जाना है ये जग!पक्षियों की गुंजित सीये खिलखिलाहटये इंतजार करते पथ!नेह सहेजते पथिक..स्वप्न दिखाते श्रमिककिसानों के..आसमान … Read More

श्रवण कुमार पांडेय पथिक की सीडीएस विपिन रावत पर कविता | Shravan kumar pandey pathik poem on cds vipin rawat

श्रवण कुमार पांडेय पथिक की सीडीएस विपिन रावत पर कविता | Shravan kumar pandey pathik poem on cds vipin rawat १. शूरवीर कभी भी मरते नही यह भारतवर्ष है,यहाँ शूरवीर … Read More

डॉ. चक्रधर नलिन का जीवन परिचय | Biography of Dr. Chakradhar Nalin

डॉ. चक्रधर नलिन का जीवन परिचय | Biography of Dr. Chakradhar Nalin सुप्रसिद्ध कवि , लेखक , बाल साहित्यकार एवं हिंदी सेवी डॉ. चक्रधर नलिन की स्मृति एवं अनवरत रचनाधर्मिता … Read More

जागरण गीत | सजल | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी’हरीश’

जागरण गीत अब तो तू उठ जाग,भला क्यों सोया है ,चिन्तन कर सौ बार,कहॉ क्या खोया है।टेक। कण-कण रक्त सनी यह धरती,गुम सुम गंगा – जमुना बहती ।तरु-तर में आक्रोश … Read More

चिपकी मलाई | सम्पूर्णानंद मिश्र

चिपकी मलाई | सम्पूर्णानंद मिश्र होनी चाहिए भाषा मीठीक्योंकिभाषा बांधती हैआकृष्ट करती है सबकोभाषा का माधुर्यआईना दिखाती हैहमारे संस्कारों कालेकिनअतिशय मीठी भाषा हमेंलक्ष्य से भटका देती हैदरअसलजब मीठी भाषासजती, संवरती … Read More

मीन और मीनाक्षी | सीताराम चौहान पथिक

मीन और मीनाक्षी | सीताराम चौहान पथिक मीन :मैं मीन तू मीनाक्षी ,संतुष्ट मै तू क्यों नहीं ॽसमझी, तू महत्वाकांक्षी।बैठ मेरे पास हे मीनाक्षी । मेरा निलय जल-कुंड ,मैं संतुष्ट … Read More