वो मेरी हक़ीकत | नरेंद्र सिंह बघेल | हिंदी गीत
वो मेरी हक़ीकत | नरेंद्र सिंह बघेल | हिंदी गीत वो मेरी हक़ीकत ,वो मेरा तराना ।कि तुम याद रखना,न तुम भूल जाना ।।कि संग- संग जो मिलकर ,गुजारे थे … Read More
वो मेरी हक़ीकत | नरेंद्र सिंह बघेल | हिंदी गीत वो मेरी हक़ीकत ,वो मेरा तराना ।कि तुम याद रखना,न तुम भूल जाना ।।कि संग- संग जो मिलकर ,गुजारे थे … Read More
ये जुल्फ बड़े कातिल,सॅवारा जो आपने | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी’ हरीश’ चाह कर भी तुमसे,रुसवा न मैं हुआ,इकबार नजर भर कर,निहारा जो आपने।1। कोई गिला शिकायत,तुमसे नहीं रही,अपना समझ के प्यार … Read More
कट जाने दो तन्हॉ,जिन्दगी को यूॅ ‘हरीश ‘ हम बात मोहब्बत की,जुबॉ तक लाते हैं,वे बुरा न मान जायें,कह नहीं पाते हैं।1। गजब बेबशी है,हर एक जिन्दगी में,बस प्यार के … Read More
सृजन– गीत कब गायेगा | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’ विश्व परिदृश्य का समसामयिक गीत सृजन – गीत कब गायेगा। कोई बता दे मानवता का ,परचम कब लहरायेगा,तहस-नहस को आतुर मानव,सृजन-गीत कब … Read More
नवल सृजन के अंकुर फूटें शान्ति दूत बन काल-चक्र को,हमें नियंत्रित करना होगा ,रक्षा कातर मानवता की,सत्य-न्याय हित करना होगा। टेक। उजड़ा घर , वीरान शहर है,विश्वपटल पर मचा कहर … Read More
लेखनी चलती रहो तुम लेखनी चलती रहो तुमबात सच कहती रहो तुम । स्याह नीली हो या पीलीलाल सूखी हो या गीलीभावनाओं संग में तुमरूप का आयाम हो तुमलेखनी चलती … Read More
आधार छंद वंशस्थ | बाबा कल्पनेश | हिंदी गीत आधार छंद-वंशस्थ उषा प्रभा गान करे सुना करो।जगी रहो और सदा गुना करो।। प्रिये सदा प्रेम भरी रहा करो।द्वेष भरे भाव … Read More
मन के जगमग दीप जलाएं / डॉ ब्रजेन्द्र नारायण द्विवेदी शैलेश राग द्वेष का जहां तिमिर है साथ साथ मिल दूर भगाएं मिल कर आपस में हम अपने मन के … Read More
आ गया राखी का त्यौहार / डॉ ब्रजेन्द्र नारायण द्विवेदी शैलेश आ गया राखी का त्यौहार आ गया राखी का त्यौहार बहना का भैया पर अपने बरसेगा शुभ प्यार।। आ … Read More
एक गीत देश के नाम / कवि सुरेंद्र शर्मा सुमन एक गीत देश के नाम एक गीत देश के नाम।। जहाँ से न्यारा अपना देश, प्राण से प्यारा अपना देश। … Read More
Sainik Ke Munh Se – सैनिक के मुंह से | देश गीत सैनिक के मुंह से ( देश गीत) ————————- वतन पर हम मिटें हैं हम, वतन के मीत कहलाते। … Read More
विरह गीत – दुर्गा शंकर वर्मा “दुर्गेश” | virah geet प्रस्तुत गीत वरिष्ठ गीतकार दुर्गा शंकर वर्मा “दुर्गेश” के द्वारा स्वरचित रचना विरह गीत में प्रेमी और प्रेमिका के भाव … Read More
बुड्ढा जब बोला करता | शारद वंदन – बाबा कल्पनेश बुड्ढा जब बोला करता वह बुड्ढा जब बोला करता,पीर छलक जाती थी। उसके बानी की प्रियता तो,मुझको अति भाती थी।। … Read More
अपना दर्द कहता हिंदुस्तान फिर रहा – पवन शर्मा परमार्थी अपना दर्द कहता हिंदुस्तान फिर रहा अपना दर्द कहता हिंदुस्तान फिर रहा। बारूदी बम लेकर जवान फिर रहा।। मानव की … Read More
मन क्रुद्ध होता देख नारी का दमन / पवन शर्मा परमार्थी प्रस्तुत रचना में नारी पीड़ा का उजागर लेखक के द्वारा किया गया है कि किस तरह नारी का दमन हो … Read More