मंगलमय संवत्सर होगा | नये वर्ष का अभिनन्दन | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी’हरीश’

1.मंगलमय संवत्सर होगा मंगलमय संवत्सर होगा,स्नेह लुटाता दिनकर होगा।पुलक थिरकती कण-कण धरती,मधुमय जीवन रूचिकर होगा।टेक। शस्य-श्यामला पावन भू पर,बासन्तिक अनुराग मिलेगा,कोंपल-कोंपल कलिका महके,मलयज फाग-सुहाग मिलेगा।वन-उपवन नव फुनगी महके,गीत बसन्ती मधु … Read More

फागुनी रंग में रंगा प्रेरणा का एक होली गीत | नरेंद्र सिंह बघेल

फागुनी रंग में रंगा प्रेरणा का एक होली गीत ।!!!!!!!!! रंग लगाएं होली में !!!!!!!!!आओ हम सब मिलजुल कर ,त्यौहार मनाएं होली में ।प्रेम-स्नेह औ मर्यादा के ,रंग लगाएं होली … Read More

वसंत गीत | गीतकार दुर्गा शंकर वर्मा ‘दुर्गेश’

फिर से अब नव बसंत आया,आया तो सबके मन को भाया।पीत फूल सरसों के फूल गए,उन पर आकर भंवरे भी झूल गए।महक उठी फूलों की क्यारियां,भंवरे अपने घर की राह … Read More

एक गीत सपन का | फिर कहो कि मुझसे प्यार नहीं !! नरेंद्र सिंह बघेल

एक गीत सपन का | फिर कहो कि मुझसे प्यार नहीं !! नरेंद्र सिंह बघेल 1 .एक गीत सपन का ये शाम है धुआं धुआं ,कि गुम सा कोई ख्वाब … Read More

आ रहे राम। हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश

आ रहे राम। हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश आ रहे राम,इतिहास नया फिर गढ़ने को,दुष्ट दानवों को पछाड़ आगे बढ़ने को।टेक। चर-अचर प्रफुल्लित लगते हैं,मधु वारिद नेह बरसते हैं।सोंधी गन्ध महकता मरुथल,गिरि-निर्जन … Read More

तुम बहुत ही याद आए | डॉ०भगवान प्रसाद उपाध्याय | हिंदी गीत

दर्द के बादल उमड़ करआंख में ऐसे समायेमौन व्याकुल इस हृदय मेंतुम बहुत ही याद आये प्यार का मकरंद घोलेजो विहंसता था यहाँरूप वह भोला सलोनाआज खोया है कहाँ दीप … Read More

परम हंस मौर्य हिंदी दिवस पर मुक्तक

हिंदी सदा महान रहेगी। लोगो की मीठी ज़ुबान रहे। हर हिंदुस्तानी की पहचान रहेगी। हिंदी बोलने वालो के लिए हिंदी शान रहेगी। परम हंस मौर्य गीतकार शायर रायबरेली उत्तर प्रदेश … Read More

वो मेरी हक़ीकत | नरेंद्र सिंह बघेल | हिंदी गीत

वो मेरी हक़ीकत | नरेंद्र सिंह बघेल | हिंदी गीत वो मेरी हक़ीकत ,वो मेरा तराना ।कि तुम याद रखना,न तुम भूल जाना ।।कि संग- संग जो मिलकर ,गुजारे थे … Read More

ये जुल्फ बड़े कातिल,सॅवारा जो आपने | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी’ हरीश’

ये जुल्फ बड़े कातिल,सॅवारा जो आपने | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी’ हरीश’ चाह कर भी तुमसे,रुसवा न मैं हुआ,इकबार नजर भर कर,निहारा जो आपने।1। कोई गिला शिकायत,तुमसे नहीं रही,अपना समझ के प्यार … Read More

कट जाने दो तन्हॉ | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’

कट जाने दो तन्हॉ,जिन्दगी को यूॅ ‘हरीश ‘ हम बात मोहब्बत की,जुबॉ तक लाते हैं,वे बुरा न मान जायें,कह नहीं पाते हैं।1। गजब बेबशी है,हर एक जिन्दगी में,बस प्यार के … Read More

सृजन-गीत कब गायेगा | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’

सृजन– गीत कब गायेगा | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’ विश्व परिदृश्य का समसामयिक गीत सृजन – गीत कब गायेगा। कोई बता दे मानवता का ,परचम कब लहरायेगा,तहस-नहस को आतुर मानव,सृजन-गीत कब … Read More

नवल सृजन के अंकुर फूटें/ हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश

नवल सृजन के अंकुर फूटें शान्ति दूत बन काल-चक्र को,हमें नियंत्रित करना होगा ,रक्षा कातर मानवता की,सत्य-न्याय हित करना होगा। टेक। उजड़ा घर , वीरान शहर है,विश्वपटल पर मचा कहर … Read More

लेखनी चलती रहो तुम / डॉ. रसिक किशोर सिंह नीरज

लेखनी चलती रहो तुम लेखनी चलती रहो तुमबात सच कहती रहो तुम । स्याह नीली हो या पीलीलाल सूखी हो या गीलीभावनाओं संग में तुमरूप का आयाम हो तुमलेखनी चलती … Read More

आधार छंद वंशस्थ | बाबा कल्पनेश | हिंदी गीत

आधार छंद वंशस्थ | बाबा कल्पनेश | हिंदी गीत आधार छंद-वंशस्थ उषा प्रभा गान करे सुना करो।जगी रहो और सदा गुना करो।। प्रिये सदा प्रेम भरी रहा करो।द्वेष भरे भाव … Read More

मन के जगमग दीप जलाएं / डॉ ब्रजेन्द्र नारायण द्विवेदी शैलेश

मन के जगमग दीप जलाएं / डॉ ब्रजेन्द्र नारायण द्विवेदी शैलेश राग द्वेष का जहां तिमिर है साथ साथ मिल दूर भगाएं मिल कर आपस में हम अपने मन के … Read More