आवाहन गीत | एक बार फिर आओ राम | राजेन्द्र वर्मा’ राज ‘
आवाहन गीतएक बार फिर आओ रामकनक भवन सूना लगता है सूनी गलियाँ चौबारे।सूनी है जानकी रसोई, गुमसुम हैं ड्योढ़ी- द्वारे।।पशु – पक्षी सब टेर रहे हैं, व्याकुल हैं सब नर … Read More
आवाहन गीतएक बार फिर आओ रामकनक भवन सूना लगता है सूनी गलियाँ चौबारे।सूनी है जानकी रसोई, गुमसुम हैं ड्योढ़ी- द्वारे।।पशु – पक्षी सब टेर रहे हैं, व्याकुल हैं सब नर … Read More
कवि अपने समय का सजग प्रहरी होता है। वह अपने समय और समाज की प्रत्येक गतिविधि पर पैनी नज़र रखता है और समाज के सार्थक विकास में आनेवाली अड़चनों – … Read More
बाल कविता आओ चीकू,आओ पीहू ,मिलकर मकरसक्रांति मनाएं।आओ बेबू ,आओ कुहू,रंग बिरंगी पतंग उड़ाएं। ले धरती से नभ तक पहुँची ,नाप रही वो अम्बर का छोर।खुश होकर ,गुनगुन ! बोली,भइया … Read More
सभ्यता की कमीज़ | सम्पूर्णानन्द मिश्र की नई कविताएँ नहीं लगता मुझेतुम एक मुक्कमल आदमी हो! क्योंकिसभ्यता की तुम्हारी कमीज़राजधानी की खूंटियों परअब भी टंगी हुई है तुम्हारे विवेक का … Read More
एक गीत सपन का | फिर कहो कि मुझसे प्यार नहीं !! नरेंद्र सिंह बघेल 1 .एक गीत सपन का ये शाम है धुआं धुआं ,कि गुम सा कोई ख्वाब … Read More
किसान शहीद दिवस पर | दुर्गा शंकर वर्मा ‘दुर्गेश’ मातृभूमि के लिए लड़े,और लिख दी नई कहानी।जिनके लहू से लाल हुआ था,सई नदी का पानी।दन-दन-दन-दन गोली चलती,आगे बढ़ते जाते।इंकलाब का … Read More
हे !इस जग के तारणहार, जन- जन का है तुम्हें प्रणाम।आकर पावन करो धरा को ,आलोकित कर दो हर धाम।।एक बार फिर आओ राम । राह तुम्हारी देख रही हैं … Read More
आ रहे राम। हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश आ रहे राम,इतिहास नया फिर गढ़ने को,दुष्ट दानवों को पछाड़ आगे बढ़ने को।टेक। चर-अचर प्रफुल्लित लगते हैं,मधु वारिद नेह बरसते हैं।सोंधी गन्ध महकता मरुथल,गिरि-निर्जन … Read More
1.राम ही राम जपे जग सारा राम ही राम जपे जग सारा।राम बिना नहीं कोई हमारा।राम कृपा हो जाए जिस पर,हर पल मिलता उसे सहारा।राम ही राम जपे जग सारा। … Read More
राम की वेदना | Ram ki Vedana अश्रु झरे थे अवध नगर के महलों और गलियारों सेछोड़ चले सब धरम धुरंधर,आंगन और चौबारों से।**राजमहल में सोने वाले,राजकुंवर के कोमल तन,उधर … Read More