Hindi Poem sankalp-संकल्प/प्रेमलता शर्मा

संकल्प (Hindi Poem sankalp) धरा की तरह सहनशील बनो पर्वत   की तरह अड़िग  रहो अगर मनुष्य तुम्हें कहलाना है अपने मन में दृढ़ संकल्प करो दूर क्षितिज पर रातों को … Read More