Patriotism Poem in hindi| Poem on Desh bhakti in hindi| देश भक्ति कविता

Patriotism Poem in hindi| Poem on Desh bhakti in hindi| देश भक्ति कविता

सरहद पर रहने वालों का दर्द भला क्या जाने कोई


सरहद पर रहने वालों का दर्द भला क्या जाने कोई ,
क्या जाने वो फौलाद सी बाजू वालों की नजरें कितना रोयी !!

माँ से भी दूर रहे वो अपने ,

बीवी बच्चे के साथ को तरसे ,
पिता का प्रेम ना पाते पूरा ,

घर आने को हो जाते अरसे !!

फौजी देश के सच्चे साथी ,

हर शौक – शान् को मारे रहते ,
हम तो अपने अपने घर में रहकर

बस नारे ही लगाते रहते !!

क्या होली ,क्या ईद ,उनकी कैसी दीवाली य़ारों ,
उनसे ही हम हैँ सुरक्षित ,चाहे मानो य़ा ना मानो !!

देना भाषण बड़ा आसान देश पर मर -मिट जाने की
होती क्या बलि वतन पर ,

कभी सोच शहीदी उन दिवाने की !!

Patriotism-poem in hindi

वेदिका श्रीवास्तव

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