Best Holi Poems in Hindi – Holi Poetry, happy holi poems
Best Holi Poems in Hindi – Holi Poetry, happy holi poems
होली
फाल्गुन की बहार लाई, खुशियों का त्यौहार,
भिन्न-भिन्न रंगों में निकले, होली की फुहार ।।
अबीर, गुलाल, और रंगों की, सब करे हैं गुहार,
बच्चन की पिचकारी, मारै रंगों की बौछार ।।
होलिया मा हुडदंग मचे है, होलिया मा हुडदंग,
भूले, बिसरे मित्र मिला दे, ये होली का हुडदंग ।।
होलिया मा जब, सब मिल जाये, उडै अबीरा, रंग,
होलिया मा हुडदंग मचे है, होलिया मा हुडदंग ।।
लरिकन के टोली दौड़ावै, जैसे होई जंग,
होलिया मा हुडदंग मचे है, होलिया मा हुडदंग ।।
गुझिया, पापड़, और चिप्स संग, चलय जो ठंढई, भंग,
होलिया मा हुडदंग मचे है, होलिया मा हुडदंग ।।
साल पलट फिर होली आई, गले मिले सब संग,
होलिया मा हुडदंग मचे है, होलिया मा हुडदंग ।।
क्रोध, क्लेश, दुश्मनी मिटा दे, चढ़य जो भगवा रंग,
होलिया मा हुडदंग मचे है, होलिया मा हुडदंग ।।
फाल्गुन
फाल्गुन आयो रे, फाल्गुन आयो रे,
रंग बिरंगी होली ले के, फाल्गुन आयो रे ।।
उड़े गुलाल, उड़े अबीरा, कहीं उड़ेला रे रंगिया,
अलग अलग रंगों में उड़ता, रंगवा और अबिरिया ।।
बच्चों की टोली, ले चलती रंग, भरी पिचकारी,
इनकी टोली देख के भागे, बड़े-बड़े बलशाली ।।
होली, और फाग का मेल, लागे बड़ा सुहाना,
साथ में नृत्य, संगीत मिले, हो जाये सब दीवाना ।।
फाग का सुर उड़े है, संग में, ठंढई का हो रेला,
कोई खिलावे मेवा मिस्री, कहीं मिलत भंग मेला, ।।
गुझिया, पापड़, साथ में बनते, एक से एक पकवान,
खाने वाले खाते जाये, पेट का न रखे ध्यान ।।
मंगलमय हो आपकी होली, दिल से करूँ कामाना,
सात्विक, सुन्दर, होली हो, मन से करूँ प्रार्थना ।।
अखिलेश प्रताप सिंह (रवि)
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