Hindi Geet Aaj aaya prabho aap ke paas hoon

आज आया प्रभो आप के पास हूँ

(Hindi Geet Aaj aaya prabho aap ke paas hoon)


आधार छंद -स्रग्विणी

विधान-212 212 212 212


आज आया प्रभो आप के पास हूँ।
मैं  सदा  से  रहा नाथ का दास हूँ।

 

बोल ओंकार ही नित्य बोला करूँ।
दर्श हो आप का भक्ति चोला करूँ।।
कामना एक पूरा करें नाथ हो।
आप के ही पगों में झुका माथ हो।।
काल का मैं बना नाथ जो ग्रास हूँ।
आज आया प्रभो आप के पास हूँ।।

 

आप रक्षा करें नाथ रक्षा करें।
सामने है खड़ा नाथ रक्षा करें।।
राम के दास की आज रक्षा करें।
दें इसे दान में प्राण रक्षा करें।।
आप का ही रचा जीव उल्लास हूँ।
आज आया प्रभो आप के पास हूँ।।

 

अंध छाया घना आँख में आज है।
मैं न जानूँ इसे कौन सा राज है।
दे इसे ज्ञान का दान भोले हरे।
आपका नाम ले झूम डोले हरे।।
नित्य बोला करे भक्ति विश्वास हूँ।
आज आया प्रभो आप के पास हूँ।।

 

मोह माया हरो ज्ञान का दान दो।
पास आया प्रभो भक्ति का मान दो।।
भारती का लला आश ले के अड़ा।
हे शिवा नाथ देखें इसे है पड़ा।।
ये कहे आप का ही सदा दास हूँ।
आज आया प्रभो आपके पास हूँ।।

 

धर्म की ले ध्वजा ले चले हाथ में।
आप की आस्था हो सदा साथ में।।
पुष्प सा नित रहूँ नाथ के पाँव में।
ग्रीष्म के ताप से ज्यों खड़ा छाँव में।
आप का ही सदा नाथ निःश्वास हूँ।
आज आया प्रभो आप के पास हूँ।।

Hindi -kavita- pahun
बाबा कल्पनेश

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