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किसान शहीद दिवस पर कविता | दुर्गा शंकर वर्मा ‘दुर्गेश’

किसान शहीद दिवस पर | दुर्गा शंकर वर्मा ‘दुर्गेश’

मातृभूमि के लिए लड़े,
और लिख दी नई कहानी।
जिनके लहू से लाल हुआ था,
सई नदी का पानी।
दन-दन-दन-दन गोली चलती,
आगे बढ़ते जाते।
इंकलाब का नारा मिलकर,
जोरो से चिल्लाते।
अंग्रेजों की एक न मानी,
मिलकर दी कुर्बानी।
सीने में गोली खाते,
पर कभी न पीछे हटते।
देश की रक्षा के हित में,
वे अंग्रेजों से लड़ते।
लड़ते-लड़ते होम हो गई,
उनकी भरी जवानी।
जलियांवाला बाग बन गया,
था शहीद यह स्थल।
लहू देखकर सूरज कांपा,
नहीं गया अस्थाचल।
लड़ते-लड़ते याद किया,
होगा झांसी की रानी।

दुर्गा शंकर वर्मा ‘दुर्गेश’
रायबरेली।

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