ज़िन्दगी आसान तो भी नही थी | पुष्पा श्रीवास्तव ‘शैली’

ज़िन्दगी आसान तो भी नही थी।लिखती रहीफाड़ती रहीबहुत सारे शब्द हवाओं में उड़े।जरूर बतियाए होंगे मेरे बारे में। वो चिमनी की काॅंपती लौ भीकुछ तो सोचती रही होगी,जब उसको हाथों … Read More

होली गीत : लाल हरा रंग नीला पीला,लेकर आई होली |दुर्गा शंकर वर्मा ‘दुर्गेश’

होली गीत लाल हरा रंग नीला पीला,लेकर आई होली।होली गीत सुनाती आई,फगुहारों की टोली।ढोल,मंजीरा,झांझ लिए,सब होली गीत सुनावें।सुंदर-सुंदर गीत सभी के,मन को खूब लुभावें।सब के सब मस्ती में डूबे,छाने भांग … Read More

एक बासंती गीत | फिर से बसंत आया | नरेन्द्र सिंह बघेल

है ज़र्द -ज़र्द मौसम ,और मौसमी हवाएं ।इस प्यार के सफर में ,हम तेरे गीत गाएं ।।फिर से बसंत आया ,सूनी है अमराई ।तुम बिन गुजर गयी शब ,फिर याद … Read More

माँ शारदे वर दे | प्रतिभा इन्दु

शारदे वर दे मुझेमाँ शारदे वर दे ! है गहन पसरा अंधेरा ,दूर है अबतक सवेरा ,हो गई खुशियाँ तिरोहितपास है मातम घनेरा ।ज्ञान की उज्ज्वल किरण सेअर्श प्रखर भर … Read More

जाग्रत कवि संपूर्णानंद! हूबनाथ पांडेय

कवि अपने समय का सजग प्रहरी होता है। वह अपने समय और समाज की प्रत्येक गतिविधि पर पैनी नज़र रखता है और समाज के सार्थक विकास में आनेवाली अड़चनों – … Read More

बाल कविता | आओ चीकू,आओ पीहू मिलकर मकरसक्रांति मनाएं | प्रतिभा इन्दु

बाल कविता आओ चीकू,आओ पीहू ,मिलकर मकरसक्रांति मनाएं।आओ बेबू ,आओ कुहू,रंग बिरंगी पतंग उड़ाएं। ले धरती से नभ तक पहुँची ,नाप रही वो अम्बर का छोर।खुश होकर ,गुनगुन ! बोली,भइया … Read More

सभ्यता की कमीज़ | सम्पूर्णानन्द मिश्र की नई कविताएँ

सभ्यता की कमीज़ | सम्पूर्णानन्द मिश्र की नई कविताएँ नहीं लगता मुझेतुम एक मुक्कमल आदमी हो! क्योंकिसभ्यता की तुम्हारी कमीज़राजधानी की खूंटियों परअब भी टंगी हुई है तुम्हारे विवेक का … Read More

किसान शहीद दिवस पर कविता | दुर्गा शंकर वर्मा ‘दुर्गेश’

किसान शहीद दिवस पर | दुर्गा शंकर वर्मा ‘दुर्गेश’ मातृभूमि के लिए लड़े,और लिख दी नई कहानी।जिनके लहू से लाल हुआ था,सई नदी का पानी।दन-दन-दन-दन गोली चलती,आगे बढ़ते जाते।इंकलाब का … Read More

” एक बार फिर आओ राम” | आवाहन गीत | राजेन्द्र वर्मा “राज”

हे !इस जग के तारणहार, जन- जन का है तुम्हें प्रणाम।आकर पावन करो धरा को ,आलोकित कर दो हर धाम।।एक बार फिर आओ राम । राह तुम्हारी देख रही हैं … Read More

Ram Bhakti Geet || Ram Geet राम गीत | परम हंस मौर्य गीतकार

1.राम ही राम जपे जग सारा राम ही राम जपे जग सारा।राम बिना नहीं कोई हमारा।राम कृपा हो जाए जिस पर,हर पल मिलता उसे सहारा।राम ही राम जपे जग सारा। … Read More

चाँद | नरेंद्र सिंह बघेल | हिंदी कविता

पूनम की थी रात सुहानी ,मेरी गली में आया चाँद ।धीरे-धीरे चुपके-चुपके ,मेरी गली मुसकाया चाँद ।सुंन्दर झील के ठहरे जल पर ,धीरे से लहराया चाँद ।उतर के अपने नील … Read More

स्वागत | सम्पूर्णानंद मिश्र

स्वागत | सम्पूर्णानंद मिश्र पूरा देशखड़ा हैनववर्ष के स्वागत में दरअसलअतीत के घावजो हमारी देह पर थे कुछ सूख चुके हैंकुछ सूख रहे हैंऐसे मेंकड़वी स्मृतियों के कांटेंउस घाव कोफिर … Read More

नया साल आ रहा है | सम्पूर्णानंद मिश्र | Naye Saal Par Kavita 2023

नया साल आ रहा है | सम्पूर्णानंद मिश्र | Naye Saal Par Kavita 2023 अपनी आत्मा परकितनी नृशंसघटनाओं का बोझलादेदिसंबर माह जा रहा है लूट-पाट,हत्या, बलात्कारजैसेजघन्य पाप का साक्षीभले ही … Read More

सियासत में कयादत बोलती है | आशा शैली

सियासत में कयादत बोलती है | आशा शैली सियासत में कयादत बोलती हैमगर सिर चढ़के दौलत बोलती है जवां कुर्बान होते हैं वतन परकि सीमाओं पे हिम्मत बोलती है अदब … Read More

कमरे की आवाज़ | सम्पूर्णानंद मिश्र

कमरे की आवाज़ | सम्पूर्णानंद मिश्र संदेश देती हैघड़ीवक्त की धारा में डुबकी लगाओ संदेश देता है पंखादिमाग ठंडा रखो न बहाओ क्रोध का पसीना अनावश्यक छत कहता हैबड़ा सोचो … Read More