हारे हुए लोग कहाँ जायेंगे ? ? | रिंशु राज यादव
हारे हुए लोग कहाँ जायेंगे ? ? हारे हुए लोगों के लिए कौन दुनिया बसाएगा?उन पराजित योद्धाओं के लिए ,तमाम शिकस्त खाए लोगों के लिए। प्रेम में टूटे हुए लोग,सारी … Read More
हारे हुए लोग कहाँ जायेंगे ? ? हारे हुए लोगों के लिए कौन दुनिया बसाएगा?उन पराजित योद्धाओं के लिए ,तमाम शिकस्त खाए लोगों के लिए। प्रेम में टूटे हुए लोग,सारी … Read More
गुरु-पूर्णिमा के पावन अवसर पर पूज्य गुरुदेव को समर्पित एक गीत– शीर्षक:-चरणों में यह जीवन है। रोम-रोम में नाम तुम्हारा,सुधियों में छवि तेरी है,अनुप्राणित यह जीवन तुमसे,तुमसे दुनिया मेरी है। … Read More
1 .जीवन ही प्रेम है। मुहब्बत हर कण,हर क्षण में होता है,कोई खोकर पाता,कोई पाकर खोता है।पशु-पक्षी पेड़-पौधे,सबमें प्रकृति-प्रेम है,नजर तो जरा घुमाओ,सूक्ष्मता में भी स्नेह पाओ।सावन का प्रेमी है … Read More
ज़िन्दगी आसान तो भी नही थी।लिखती रहीफाड़ती रहीबहुत सारे शब्द हवाओं में उड़े।जरूर बतियाए होंगे मेरे बारे में। वो चिमनी की काॅंपती लौ भीकुछ तो सोचती रही होगी,जब उसको हाथों … Read More
होली गीत लाल हरा रंग नीला पीला,लेकर आई होली।होली गीत सुनाती आई,फगुहारों की टोली।ढोल,मंजीरा,झांझ लिए,सब होली गीत सुनावें।सुंदर-सुंदर गीत सभी के,मन को खूब लुभावें।सब के सब मस्ती में डूबे,छाने भांग … Read More
है ज़र्द -ज़र्द मौसम ,और मौसमी हवाएं ।इस प्यार के सफर में ,हम तेरे गीत गाएं ।।फिर से बसंत आया ,सूनी है अमराई ।तुम बिन गुजर गयी शब ,फिर याद … Read More
शारदे वर दे मुझेमाँ शारदे वर दे ! है गहन पसरा अंधेरा ,दूर है अबतक सवेरा ,हो गई खुशियाँ तिरोहितपास है मातम घनेरा ।ज्ञान की उज्ज्वल किरण सेअर्श प्रखर भर … Read More
कवि अपने समय का सजग प्रहरी होता है। वह अपने समय और समाज की प्रत्येक गतिविधि पर पैनी नज़र रखता है और समाज के सार्थक विकास में आनेवाली अड़चनों – … Read More
बाल कविता आओ चीकू,आओ पीहू ,मिलकर मकरसक्रांति मनाएं।आओ बेबू ,आओ कुहू,रंग बिरंगी पतंग उड़ाएं। ले धरती से नभ तक पहुँची ,नाप रही वो अम्बर का छोर।खुश होकर ,गुनगुन ! बोली,भइया … Read More
सभ्यता की कमीज़ | सम्पूर्णानन्द मिश्र की नई कविताएँ नहीं लगता मुझेतुम एक मुक्कमल आदमी हो! क्योंकिसभ्यता की तुम्हारी कमीज़राजधानी की खूंटियों परअब भी टंगी हुई है तुम्हारे विवेक का … Read More
किसान शहीद दिवस पर | दुर्गा शंकर वर्मा ‘दुर्गेश’ मातृभूमि के लिए लड़े,और लिख दी नई कहानी।जिनके लहू से लाल हुआ था,सई नदी का पानी।दन-दन-दन-दन गोली चलती,आगे बढ़ते जाते।इंकलाब का … Read More
हे !इस जग के तारणहार, जन- जन का है तुम्हें प्रणाम।आकर पावन करो धरा को ,आलोकित कर दो हर धाम।।एक बार फिर आओ राम । राह तुम्हारी देख रही हैं … Read More
1.राम ही राम जपे जग सारा राम ही राम जपे जग सारा।राम बिना नहीं कोई हमारा।राम कृपा हो जाए जिस पर,हर पल मिलता उसे सहारा।राम ही राम जपे जग सारा। … Read More
पूनम की थी रात सुहानी ,मेरी गली में आया चाँद ।धीरे-धीरे चुपके-चुपके ,मेरी गली मुसकाया चाँद ।सुंन्दर झील के ठहरे जल पर ,धीरे से लहराया चाँद ।उतर के अपने नील … Read More
स्वागत | सम्पूर्णानंद मिश्र पूरा देशखड़ा हैनववर्ष के स्वागत में दरअसलअतीत के घावजो हमारी देह पर थे कुछ सूख चुके हैंकुछ सूख रहे हैंऐसे मेंकड़वी स्मृतियों के कांटेंउस घाव कोफिर … Read More