कितनी बार टूटता है | सम्पूर्णानंद मिश्र
कितनी बार टूटता है | सम्पूर्णानंद मिश्र बूढ़ेमां -बाप की रोशनी होती हैंउनकी संतानें पूरी ज़िंदगीअपनी आंखोंकी रोशनी बेचकर संतानों कीख़्वाहिशों के आंगनमें उनके सपनों काजो पूर्ण चांद खिलाता हैवह … Read More
कितनी बार टूटता है | सम्पूर्णानंद मिश्र बूढ़ेमां -बाप की रोशनी होती हैंउनकी संतानें पूरी ज़िंदगीअपनी आंखोंकी रोशनी बेचकर संतानों कीख़्वाहिशों के आंगनमें उनके सपनों काजो पूर्ण चांद खिलाता हैवह … Read More
वह मात्र एक छलावा है वैसे तोसुख की कोईपरिभाषा निश्चित नहीं है लेकिनअच्छी अनुभूति सुख का आधार हैऔर बुरी दु:ख का महात्मा बुद्ध ने कहाजीवन में दुःख ही दु:ख हैऔर … Read More
पुनर्पाठ कलझुंड में कई कुत्ते दिखेमुझे सड़क परभौंक रहे थे सब आपस में एकदूसरे को काट रहे थे देखते ही दौड़ेझुंड के कुत्ते सभी मेरी तरफ़ किसी तरह भागते- भागतेजान … Read More
कटघरे में अदालत के अपशकुनमानी जाती हैंस्त्रियांअगर वैधव्यका काला धब्बाउनके माथे पर हो चूड़ियां तकतोड़वा दी जाती हैंदूर बैठायी जाती हैंधार्मिक और शुभक्रिया कर्मों के अवसर पर अपमान और जलालतकी … Read More
कितनी बार अब मुझे मत मारो राम!एक अपराध की सजाकितनी बार मैं अपराधी थामाना कि सीता कामिलनी चाहिए सजा मुझेलेकिनराम कितनी बार हर बार मैं मर रहा हूंघुट-घुटकर जी रहा … Read More
श्रीमान् आर.पी. सिंह (आई.ए.एस.) आयुक्त चित्रकूट धाम मण्डल बांदा (उ.प्र.) के निवृत्तमान होने पर नागरिक अभिनंदन भाव सुमन दिनांक 30 सितंबर 2023. विदाई लो श्रीमन् साभार आपका सरल मधुर व्यवहार। … Read More
अपने हिस्से का आकाश ढोता हूं पूरी शिद्दत सेअपने हिस्से का आकाशताकिझरबेरी का पेड़उग सके मेरे आंगन में औरजिसका फलदे सके थोड़ी सी मुस्कान मेरे ओठों परताकि अब मुझे गिरवी … Read More
धूमिल याद आ गए! मेरे समीपस्थ गांव केमेरे प्रिय कवि धूमिल यादआ गए आज याद आना लाजिमी थाक्योंकि पूरे देश ने उठाया थाएक तारीख़ कोएक घंटे श्रमदान करने की ज़िम्मेदारी … Read More
हिन्दी पहला-पहला जब शब्द सुना ।माॅं ने हिन्दी को तभी चुना ।जब कलम हाथ में आई थी ।तन- मन में हिन्दी छाई थी !! तुतलाकर बोला प्रथम बार!निकला था मुॅंह … Read More
गुरु बदल देते हैं जीवन-मूल्य,विस्मृत कर देते हैंबड़ी से बड़ी भूल।सुलझा देते हैं मन का हर उलझा-भाव,लुप्त हो जाते हैं जीवन के अभावजब मेरे पास होते हैं गुरु! भले अदृश्य … Read More
ये मेरे प्यारे देश सुनों,मैं तेरे ही गुण गाता हूं।इस तन में जब तक जान बची,मैं तुझको शीश झुकाता हूं।तुझसे जुगुनू की चमक यहां,तुझसे फूलों की घाटी है।तुझसे झरनों का … Read More
मारीशस गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम श्री पृथ्वीराजसिंह रूपन ने किया डॉ. सविता चड्डा की पुस्तक का लोकार्पण मॉरीशस: विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय साहित्य सम्मेलन में भारत … Read More
जय गूंजे दशों दिशाओं में,भारत माता की हो जय-जय! मातृभूमि ‘भारत महान’सदैव हमको अभिमान रहे!वीरों की,देवों की धरती ,होंठों पे सदा गुणगान रहे!सर्वधर्म समभाव रहें,एक दूजे का सम्मान रहे!स्वतंत्रता पर … Read More
°°°°°°°°°°°°°बघेली बानी में हिंन्दुली लोकगीत की तर्ज पर विन्ध्य धरा के अमर शहीद ठा. रणमत सिंह जी पर एक गीत ।°°°°°°°°°°°°°°°~~~~~~धन्य धन्य जननी ,कि धन्य धन्य भुइयाँ ,जनम लिहें ना … Read More
– विभीषिका मज़हब का नशाजब ख़ून में उतर जाता हैतो इंसानख़तरनाक हो जाता हैकई हिस्सों मेंवह बंट जाता हैबंटा था 1947 मेंहमारा देश भीमज़हब के नाम पर हीमज़हब ज़हर हैजानलेवा … Read More