sthaayee udaan/स्थायी उड़ान-सम्पूर्णानंद मिश्र
sthaayee udaan: सम्पूर्णानंद मिश्र की रचना स्थायी उड़ान जो हमें सन्देश देती है कि मृत्यु अटल सत्य है एक दिन उस फ्लाइट पर स्थायी उड़ान हर मानव को भरनी है केवल पुण्य कर्म ही साथ होगा मानव के साथ न होगा बंगला , न होगा परिवार होंगे तो मनुष्य के सत्कर्म इसलिए मानव इंसानियत को अंतिम साँस तक न छोड़े वही मानव का कल्याण करेगा प्रस्तुत है रचना
स्थायी उड़ान
स्थायी उड़ान भरनी है
एक दिन सबको
फ्लाइट उस दिन की
बिल्कुल सही समय पर होगी
जीवन का सत्कर्म ही हम
सभी लोगों का सामान होगा
मानवता ही पासपोर्ट होगी
कल्याणार्थ उठाए गए हाथ ही
बीजा होगा हम लोगों का
वह एयर टिकट
नि:शुल्क होगा
उस बिजनेसक्लास की सीट
पर बैठने के लिए
एक अनिवार्यता होगी
जीवन का सत्कर्म
सीट बिल्कुल आरक्षित होगी
सारी चिंताओं से मुक्त
उतरने के बाद एयरपोर्ट पर
कर्म के सारथी ही
ही प्रशस्त करेंगे मार्ग आगे का
अब आपके ऊपर है
कैसे जीना चाहते हैं
इस नश्वर संसार में
प्रेम से या नफ़रत से
गले लगाकर या गले काटकर
सम्पूर्णानंद मिश्र
प्रयागराज फूलपुर
7458994874
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