चरणों में यह जीवन है | जय शिव शंकर जय अविनाशी | कोई नहीं है अपना | ऋतु सावन की आई है | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’

गुरु-पूर्णिमा के पावन अवसर पर पूज्य गुरुदेव को समर्पित एक गीत– शीर्षक:-चरणों में यह जीवन है। रोम-रोम में नाम तुम्हारा,सुधियों में छवि तेरी है,अनुप्राणित यह जीवन तुमसे,तुमसे दुनिया मेरी है। … Read More

सृजन-गीत कब गायेगा | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’

सृजन– गीत कब गायेगा | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’ विश्व परिदृश्य का समसामयिक गीत सृजन – गीत कब गायेगा। कोई बता दे मानवता का ,परचम कब लहरायेगा,तहस-नहस को आतुर मानव,सृजन-गीत कब … Read More