Corona Se bachaav par kavita/हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’

Corona Se bachaav par kavita

कोरोना से  बचाव पर कविता 


मास्क लगाकर,दूरी रखिये ,
चाहो यदि निज खैर ।
अनदेखी न करना मेरा –
नहीं किसी से बैर ।।1।।

स्वस्थ ,सुरक्षित सब रहें,
करें सदा शुभ काम ।
साथ सदा सबके रहें-
उर-अन्तर प्रभु राम।2।

स्वच्छ देश-परिवेश हो,
स्वच्छ रहें सब लोग।
सकारात्मक सोच हो-
न होगा कोई रोग।3।

निज का कर बदलाव तू,
देना      पुनि      उपदेश ।
जन-जन परहित रत रहो-
अति   सुन्दर  सन्देश ।4।

नित सुन्दर सुविचार से ,
करो जगत- व्यवहार ।
सुख-दुःख सबके साथ में-
खुशियॉ मिलें अपार ।5।


सम सामयिक दोहे


रहें सुरक्षित,स्वस्थ,सुखी ,
करें जगत कल्याण ।
कोरोना से जीत का ,
चले सफल अभियान ।1।

पोषण हित सबको मिले,
नित समुचित आहार।
संक्रमण पर विजय का,
यह पहला आधार ।2।

जहर घुले परिवेश में ,
निकलो मास्क लगाय ।
दूरी रख व्यवहार कर,
कोरोना भगि जाय ।3।

सेनेटाइजर का करो,
बन्धु सदा उपयोग।
कोरोना को मात दो,
करके योग-प्रयोग।4।

सकारात्मक सोच से,
सब संभव हो जाय ।
जगत-शून्य सब साथ हों,
जन-जन-मन हरषाय।5।


कोरोना सम्बन्धी दोहे ।


जीवन की यह त्रासदी,
नहीं सकेंगे भूल,
एक भाव दिखने लगा,
माटी,सोना,फूल ।1।

नहीं कोरोना थम रहा ,
असफल सभी प्रयास ,
राजनीति नेता करें,
जनता हुई उदास ।2।

राम-भरोसे चल रही,
जीवन की हर सॉस,
प्राण वायु बिन मर रहे,
पड़ी गले में फॉस 3।

अगर बहुत अनिवार्य तो,
घर से बाहर जाय ,
समझ-बूझ मुख-आवरण,
तुरतहिं लेय लगाय।4।

संक्रमण के दौर में,
बचें बचायें आप,
मास्क लगा दूरी बना,
ना माई ना बाप ।5।

कोरोना के नाश-हित ,
इतना है अनुरोध,
ए सी ,कूलर भूल कर,
नहीं चलायें लोग ।6।

जी भर काढ़ा पीजिये,
सुबह-शाम लें भाप,
कोरोना भग जाएगा,
देखो अपने आप ।7।

पोषण समुचित लीजिए,
चाहें, रहें निरोग ,
नहीं संक्रमण छू सके,
करें अगर नित योग ।8।

Corona -Se - bachaav -par- kavita

हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’
रायबरेली (उ प्र)229010
9415955693,9125908549

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