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तुमने प्रियवर समझा होता | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी’हरीश’
श्रमिक दिवस पर कविता | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी’हरीश
पहली बार दिल्ली आगमन | रत्ना भदौरिया
पूर्वोत्तर की लक्ष्मीबाई : रानी गाइडिंल्यू (रानी गिडालू)
मतदाता जागो | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’
ज़िन्दगी आसान तो भी नही थी | पुष्पा श्रीवास्तव ‘शैली’
मंगलमय संवत्सर होगा | नये वर्ष का अभिनन्दन | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी’हरीश’
मुक्तक होली पर | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’
फागुनी रंग में रंगा प्रेरणा का एक होली गीत | नरेंद्र सिंह बघेल
होली पर मुक्तक |राजेन्द्र वर्मा ‘राज’
होली गीत : लाल हरा रंग नीला पीला,लेकर आई होली |दुर्गा शंकर वर्मा ‘दुर्गेश’
ऑचल बहॅक रहा | नींद नयन ना आई | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’
बूढ़े बाबा | सम्पूर्णानंद मिश्र
‘इस बार फागुन में’ | रश्मि ‘लहर’
पीर तन्हा है और जवां तन्हा | आर.सी. वर्मा ‘साहिल’
Wednesday, May 08, 2024