शहर भी कभी गांव था / परम हंस मौर्य
शहर भी कभी गांव था।आंखों में पवित्रता दिल में प्रेम भरा हाव भाव था।शहर में रह कर गुमान मत कर शहर भी कभी गांव था। हर जगह इंसानियत ही इंसानियत … Read More
शहर भी कभी गांव था।आंखों में पवित्रता दिल में प्रेम भरा हाव भाव था।शहर में रह कर गुमान मत कर शहर भी कभी गांव था। हर जगह इंसानियत ही इंसानियत … Read More