short poem on basant panchami in hindi
short poem on basant panchami in hindi: सीताराम चौहान पथिक की रचना वीणा वादिनि से गुहार पाठकों के सामने प्रस्तुत है आइये जानते क्यों मनाया जाता है वसन्त पंचमी का … Read More
short poem on basant panchami in hindi: सीताराम चौहान पथिक की रचना वीणा वादिनि से गुहार पाठकों के सामने प्रस्तुत है आइये जानते क्यों मनाया जाता है वसन्त पंचमी का … Read More
कोहरे कि रातें कोहरे कि रातें ठंडे बदन काँप रहे गातऔर काँप रहे मन शीत में ठिठुरती है कांपती जुबानें आज कटेंगी कैसे रात राम जाने। बिलख रहे पक्षी गण … Read More
अदृश्य हो गयी अदृश्य हो गयी मेरी मां अब चली गई गोलोक साथ में अपना कुछ सामान लेकर कोई नहीं जाता अपने साथ लेकर यहां से कुछ ममता, झिड़कियां, क्रोध … Read More
राम- राज्य स्थापित कर दो जन-जन की सुन लो व्यथा , जो मन ही मन नित मरते हैं । मन में उनके आक्रोश भरा , विष पीते और निगलते है … Read More